अब कोयला नहीं, गैस से होती है इस्त्री! 40% कम खर्च के साथ हो रहा दोगुना मुनाफा

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Last Updated:June 23, 2025, 17:53 ISTकोयले की जगह अब एलपीजी से हो रही है इस्त्री. इससे न सिर्फ लागत 40% तक घटी है, बल्कि काम भी दोगुना हो गया है. जानिए कैसे बदल रही है प्रेस की दुकानों की तस्वीर.हाइलाइट्सएलपीजी प्रेस से बेहतर कामकोयले से मिला छुटकाराप्रेरणा की मिसाल बने रघुवीरफर्रुखाबाद- आजकल पानीपुरी से लेकर सब्जी तक खरीदने में यूपीआई पेमेंट करना आम बात हो गई है. ऐसे में अब कपड़े प्रेस करने वाली दुकानों पर भी नया बदलाव देखने को मिल रहा है. पहले जहां कोयले से भारी भरकम प्रेस की जाती थी, वहीं अब एलपीजी गैस से चलने वाली हल्की और सुविधाजनक प्रेस इस्तेमाल की जा रही है. इससे न केवल लागत कम हो रही है, बल्कि पर्यावरण को भी फायदा हो रहा है.पुराने दिनों की भारी प्रेस, अब गुजरे जमाने की बात
पहले 3 किलो तक की लोहे की प्रेस को गर्म करने के लिए कोयला जलाया जाता था. दुकानदारों को कई बार गर्मी और धुएं का सामना करना पड़ता था. लेकिन बदलते वक्त के साथ इस काम में तकनीक का सहारा लिया गया. अब एलपीजी गैस से चलने वाली प्रेस की मदद से कम समय में ज्यादा कपड़े प्रेस किए जा रहे हैं.

एलपीजी प्रेस से सस्ते में बेहतर कामकमालगंज थाने के पास इस्त्री करने वाले रघुवीर उर्फ दउआ ने लोकल 18 को बताया कि एलपीजी प्रेस से 40% तक खर्च कम हो गया है. कोयले की तुलना में न गैस से धुआं निकलता है, न ही राख कपड़ों पर गिरती है. ऊपर से बिजली की तुलना में भी यह सस्ता और कारगर है. यही वजह है कि आज हर दूसरी प्रेस दुकान हाईटेक बन चुकी है.

कोयले से छुटकारा, पर्यावरण को राहत
एलपीजी प्रेस से तापमान नियंत्रित किया जा सकता है, जिससे कपड़े जलने की चिंता भी खत्म हो गई है. वहीं, कोयले से होने वाला प्रदूषण और कपड़ों पर गिरने वाली राख भी अब अतीत की बात हो गई है.

प्रेरणा की मिसाल बने रघुवीर35 साल पहले पढ़ाई न कर पाने के कारण रघुवीर ने प्रेस की दुकान खोली थी. लेकिन बदलते वक्त के साथ उन्होंने भी बदलाव अपनाया. आज इसी दुकान से न केवल परिवार चला रहे हैं, बल्कि बच्चों की पढ़ाई भी करा रहे हैं. आसपास के गांवों से भी लोग उनकी दुकान पर प्रेस कराने आते हैं.

तकनीक को अपनाकर कैसे परंपरागत काम में भी नई ऊर्जा भरी जा सकती है, यह उदाहरण हैं रघुवीर और उनके जैसे अन्य दुकानदार. एलपीजी प्रेस ने जहां पर्यावरण को राहत दी, वहीं काम में रफ्तार और आमदनी भी बढ़ाई. यह बदलाव छोटे व्यापारियों के लिए एक प्रेरक मिसाल बन चुका है.Location :Farrukhabad,Uttar Pradeshhomeuttar-pradeshअब कोयला नहीं, गैस से होती है इस्त्री! 40% कम खर्च के साथ हो रहा दोगुना मुनाफा

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