Last Updated:May 08, 2025, 06:09 ISTNoida News: नोएडा के अवधेश शर्मा ने 5 साल बाद तकनीक की मदद से अपनी लापता पत्नी और बेटी को जोधपुर से जिंदा पाया है. वहीं, पुलिस की जांच पर सवाल उठे हैं और जिम्मेदार पुलिस कर्मियों के खिलाफ जांच के आदेश दिए गए है…और पढ़ेंX
अनोखी स्टोरी: कागजों में मृत मान ली गई पत्नी और बेटी पांच साल बाद जिंदा मिलीं, Mहाइलाइट्सनोएडा के अवधेश शर्मा ने 5 साल बाद पत्नी-बेटी को जिंदा पाया.आधार कार्ड के OTP से मिली जानकारी, पुलिस ने जोधपुर से बरामद किया.जिम्मेदार पुलिस कर्मियों के खिलाफ जांच के आदेश दिए गए.नोएडा: ये हकीकत किसी फिल्मी कहानी से कम नहीं है. 5 साल पहले लापता हुई पत्नी और बेटी को कागजों में मृत घोषित कर दिया गया था. पति ने हिम्मत नहीं हारी, तकनीक का सहारा लिया और आज 5 साल बाद वही बेटी और पत्नी राजस्थान के जोधपुर से जिंदा मिली. यह हैरान कर देने वाला मामला नोएडा के सेक्टर-49 थाना क्षेत्र का है, जिसने पुलिस जांच पर भी बड़े सवाल खड़े कर दिए हैं.
पुलिस की जांच पर उठे सवाल
बता दें कि साल 2020 में नोएडा निवासी अवधेश शर्मा ने अपनी पत्नी अंजू देवी उर्फ नेहा और करीब 7 वर्षीय बेटी मानसी के लापता होने की रिपोर्ट दर्ज कराई थी. 2 साल की लंबी छानबीन के बावजूद पुलिस किसी नतीजे पर नहीं पहुंच सकी और केस को बंद कर दिया गया. इस बीच दिल्ली के शाहदरा इलाके में एक बच्ची और महिला का अज्ञात शव मिला, जिसे ससुराल पक्ष के बयान पर अवधेश की बेटी मानसी का बताया गया. जबकि महिला के शव की शिनाख्त अच्छे से नहीं हो पाई थी. हालांकि अवधेश ने बेटी के शव को पहचानने से इनकार कर दिया था, लेकिन फिर भी पुलिस ने बिना डीएनए टेस्ट के बच्ची को मृत मानकर फाइल बंद कर दी.
मोबाइल पर आया था ओटीपी
केस हाईकोर्ट तक गया, लेकिन नतीजा वही रहा. अवधेश को बेटी की मौत मानने पर मजबूर कर दिया गया. पर एक पिता का दिल कब हार मानता है? अवधेश ने उम्मीद का दामन नहीं छोड़ा. उन्होंने अपने मोबाइल में M-Aadhaar ऐप डाउनलोड किया हुआ था और बेटी के आधार कार्ड को ट्रैक करते रहे. अवधेश के मन में हमेशा एक सवाल जरूर था कि कही बेटी बड़ी होगी या पढ़ने जाएगी तो आधार कार्ड में परिवर्तन करवाएगी और फिर, किस्मत ने करवट ली. हाल ही में किसी ने उस आधार कार्ड का पता अपडेट करने की कोशिश की और ओटीपी सीधे अवधेश के मोबाइल पर आ गया.
यहां से किया सकुशल मां-बेटी को बरामद
फिर क्या अवधेश को शक हुआ कि उनकी बेटी जिंदा है. उन्होंने तुरंत नोएडा पुलिस को इसकी जानकारी दी. पुलिस की तकनीकी टीम हरकत में आई और आधार से जुड़े मोबाइल नंबर और लोकेशन की जांच शुरू हुई. केवल 10 दिन के भीतर पुलिस ने मां-बेटी को राजस्थान के जोधपुर से सकुशल बरामद कर लिया. पुलिस की मानें तो थाना-49 पुलिस ने दोनों को कोर्ट में पेश किया है. शुरुआती पूछताछ में यह भी सामने आया कि मंजू अपने पति से अलग रहना चाहती थी और मोबाइल ऐप्स के जरिए कई अन्य लोगों के संपर्क में थी. इसी कारण वह बेटी को लेकर चली गई थी और इतने वर्षों तक छुपी रही.
पीड़ित ने पुलिस का जताया आभार
अवधेश का कहना है अगर M-Aadhaar ऐप न होता तो मैं अपनी बेटी को कभी नहीं खोज पाता. तकनीक ने मुझे मेरी जिंदगी वापस दी है. मैं प्रधानमंत्री मोदी का आभारी हूं कि उन्होंने देश को डिजिटल रूप से इतना सशक्त किया है. इधर साक्ष्यों के अभाव में बच्ची को मृत घोषित करने और केस बंद करने के मामले में तत्कालीन थाना प्रभारी, जांच अधिकारी और जिम्मेदार पुलिस कर्मियों के खिलाफ जांच के आदेश दिए गए हैं.
Location :Noida,Gautam Buddha Nagar,Uttar Pradeshhomeuttar-pradeshआधार कार्ड के OTP से मिटा बदनामी का कलंक, मृत मां-बेटी 5 साल बाद जिंदा मिली