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AAP MP raghav Chadha suffering form retina detachment know how serious is this eye disease | Retina Detachment: ‘आप’ MP राघव चड्ढा आंख की इस गंभीर बीमारी से जूझ रहे, इलाज में देरी से शख्स हो जाता है अंधा



राज्यसभा के सबसे युवा सांसद ‘आप’ पार्टी के नेता और बॉलीवुड एक्ट्रेस परिणीति चोपड़ा के पति राघव चड्ढा आंखों की गंभीर बीमारी रेटिना डिटेचमेंट से जूझ रहे हैं. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक इसके इलाज के लिए उन्हें विट्रोक्टोमी सर्जरी करवानी होगी. इसके लिए वह जल्दी ब्रिटेन के लिए रवाना होने वाले हैं. 
हालांकि चुनाव से पहले राघव के विदेश जाने की खबर पर बीजेपी के राजनेता तंज कस रहे हैं. लेकिन बता दें कि वह जिस बीमारी से जूझ रहे उसका जल्द से जल्द इलाज करवा लेना बहुत जरूरी होता है वरना आंखों की रोशनी पूरी तरह से खत्म हो सकती है.
क्या है रेटिना डिटेचमेंट
नेशनल आई इंस्टीट्यूट के अनुसार, रेटिना डिटेचमेंट आंख की एक ऐसी समस्या है जिसमें रेटिना अपनी जगह से हट जाता है. इसमें रेटिना सेल्स ब्लड धमनियों से अलग हो जाता है जिसके जरिए आंखों को पोषण और ऑक्सीजन पहुंचता है. है. रेटिनल डिटेचमेंट 3 प्रकार के होते हैंः रेग्मेटोजेनस, ट्रैक्शनल और एक्सुडेटिव. प्रत्येक प्रकार एक अलग समस्या के कारण होता है जिसके कारण आपका रेटिना आपकी आंख के पीछे से दूर चला जाता है
रेटिना डिटेचमेंट के लक्षण
वैसे तो माइनर रेटिना डिटेचमेंट होने पर कोई लक्षण नजर नहीं आते हैं. लेकिन यदि रेटिना अपनी जगह से ज्यादा एंगल पर हट गया है तो इसके कारण देखने में समस्या होने लगती है. इसके अलावा आंखों में काले रंग स्पॉट नजर आने लगता है.
जा सकती है आंखों की रोशनी
रेटिना डिटेचमेंट के लक्षण नजर आते ही तुरंत ट्रीटमेंट शुरू करवाना बहुत जरूरी होता है. क्योंकि यह एक इमरजेंसी कंडीशन होती है. यदि समय पर इलाज नहीं मिला तो इससे आंखों की हमेशा के लिए खत्म हो सकती है. इसके लिए विट्रोक्टॉमी सर्जरी करवाना जरूरी हो जाता है.
क्या है विट्रोक्टॉमी सर्जरी
जॉन्स हॉपकिन्स के अनुसार, विट्रेक्टॉमी रेटिना और विट्रियस से जुड़ी विभिन्न समस्याओं के इलाज के लिए की जाने वाली एक प्रकार की आई सर्जरी है. सर्जरी के दौरान, सर्जन विट्रियस को हटा देता है और इसे दूसरे सोल्यूशन से बदल देता है. विट्रीस एक जेल जैसा पदार्थ है जो आपकी आंख के मध्य भाग को भरता है.
क्यों होती है ये आई प्रॉब्लम
रेटिना के अलग होने के कई कारण हैं, लेकिन इसके सबसे आम कारणों में उम्र बढ़ना और आंख का चोट शामिल है. वैसे तो समस्या किसी को भी हो सकती है. लेकिन कुछ लोग जेनेटिक करकों और डायिबटीज जैसी बीमारियों के कारण ज्यादा जोखिम के घेरे में होते हैं.



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