गूलर के पेड़ से निकलने वाला सफेद लेटेक्स जैसा दूध कई स्वास्थ्य समस्याओं को ठीक करने की क्षमता रखता है. आयुष चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर मोहम्मद इकबाल के अनुसार, इसे घर पर आसानी से इस्तेमाल किया जा सकता है और यह विभिन्न तरह की बीमारियों में लाभकारी साबित होता है. गूलर के पेड़ की टहनी को तोड़ने पर सफेद मिल्की दूध निकलता है, जो कई तरह की त्वचा संबंधी समस्याओं में असरदार है.
गूलर के दूध के कई फायदे हैं, जिनमें मस्से, गांठ, फंगल इंफेक्शन, दाद, खाज, खुजली, बवासीर, दांत दर्द, पुराने जख्म और कब्ज जैसी समस्याएं शामिल हैं. डॉक्टर का कहना है कि विशेष रूप से हाथ और पैरों में अगर गांठ पड़ जाए तो गूलर के दूध को नियमित रूप से लगाने से गांठ धीरे-धीरे खत्म होती है और दर्द में आराम मिलता है. इसके अलावा, मस्सों के लिए भी यह दूध कारगर है, क्योंकि रोज एक-दो बूंद मस्से पर लगाने से यह मस्से को जड़ से खत्म कर देता है. ऐसे लोग जो बार-बार मस्सों के लिए डॉक्टर के पास जाते हैं और समस्या खत्म नहीं होती, उनके लिए यह घरेलू उपाय सरल और असरदार साबित हो सकता है.
फंगल इंफेक्शन जैसे दाद, खुजली और खाज में भी प्रभावित हिस्से पर गूलर का दूध लगाने से आराम मिलता है. इसके अलावा, दांत दर्द में भी यह दूध लाभकारी है, क्योंकि अगर दांत में दर्द हो या मसूड़ों में परेशानी हो तो प्रभावित जगह पर हल्का सा दूध लगाने से आराम मिलता है. साथ ही पुराने जख्मों को भरने में भी गूलर का दूध मदद करता है.
इसके अलावा, डॉक्टर इकबाल का कहना है कि गूलर का दूध कब्ज की समस्या को दूर करता है और इम्यूनिटी बूस्टर की तरह काम करता है. यह खून की कमी को भी ठीक करने में मदद करता है. हालांकि इसका उपयोग केवल सही मात्रा में और समझदारी से ही करना चाहिए, ताकि कोई साइड इफेक्ट न हो.

