Uttar Pradesh

आम हो या खास, हर किसी को इस चौक पर पड़ता है रुकना, वजह जान करने लगेंगे गर्व



आशीष त्यागी/बागपतः बागपत का राष्ट्रीय वंदना चौक हिंदू मुस्लिम एकता का प्रतीक है. साथ ही ये युवाओं को राष्ट्रहित के लिए प्रेरित भी करता है. इस मुख्य चौराहे पर महान क्रांतिकारी वतन के लिए शहीद होने वाले दो नौजवानों की प्रतिमाएं लगी हैं. बागपत में प्रवेश करने से पहले शहर का हर व्यक्ति उनको नमन करता है. यह दो राष्ट्रीय क्रांतिकारी पंडित राम प्रसाद बिस्मिल और उनके साथी अशफाक उल्ला खां की है.यह दो ऐसे क्रांतिकारी हैं, जिन्होंने अंग्रेजी हुकूमत को हिला कर रख दिया और हंसते-हंसते वतन के लिए शहीद हो गए.

एडवोकेट देवेंद्र आर्य जिला संयोजक राष्ट्रीय वंदना मिशन बागपत ने बताया कि 2002 में राष्ट्रीय वंदना चौक का निर्माण कराया गया. इस पर दो क्रांतिकारियों की प्रतिमाएं लगी हैं, यह दो प्रतिमाएं हिंदू मुस्लिम एकता की मिसाल और युवाओं में देशभक्ति जागृत करती हैं.

महान क्रांतिकारियों को नमनबागपत शहर में आने वाला प्रत्येक नेता अभिनेता और सामान्य व्यक्ति इन दो महान क्रांतिकारियों को नमन करता है और उसके बाद शहर में प्रवेश करता है. यह दोनों महान क्रांतिकारी राजौरी कांड के हीरो रहे थे. इन्होंने अंग्रेजों से सरकारी खजाना लूट लिया था. उनके देश के लिए बलिदान को कोई भुला नहीं सकता और इन दोनों की दोस्ती हिंदी मुस्लिम एकता का बड़ा प्रतीक है.

अंग्रेजों ने दी थी दोनों क्रांतिकारियों को फांसीपंडित राम प्रसाद बिस्मिल 1887 को और अशफाक उल्ला खां 1890 शाहजहांपुर में जन्मे थे और इन्हें 19 दिसंबर, 1927 में अंग्रेजों ने फांसी की सजा दी. दोनों महान क्रांतिकारी हंसते- हंसते देश के लिए प्राण न्योछावर कर गए.

.Tags: Baghpat news, Local18FIRST PUBLISHED : January 26, 2024, 20:21 IST



Source link

You Missed

authorimg
Uttar PradeshNov 4, 2025

गाजियाबाद समाचार: दो चाटें क्या मार दिए… मैं काफिरों से डरने वाली नहीं हूं… गाय काटकर खाने की बात कहने वाली युवती का एक और भड़काऊ वीडियो

गाजियाबाद की युवती फरजाना का एक और भड़काऊ वीडियो वायरल हुआ है. उसने अभद्र भाषा का प्रयोग करते…

Scroll to Top