पूर्व भारतीय ओपनर बल्लेबाज आकाश चोपड़ा के अनुसार टेस्ट क्रिकेट में भारत के संघर्ष ने मुख्य कोच गौतम गंभीर पर दबाव बढ़ा दिया है. खासकर टीम के हेडिंग्ले में पहले टेस्ट में इंग्लैंड से मिली 5 विकेट से हार के बाद. टॉप ऑर्डर के ठोस योगदान के बावजूद भारत की निचली क्रम की बल्लेबाजी दोनों मौकों पर ढह गई, जिससे टीम औसत से कम स्कोर पर पहुंच गई और इंग्लैंड को अंतिम पारी में 371 रन का विशाल लक्ष्य हासिल करने में मदद मिली.
‘पुछल्ला बल्लेबाजी नहीं करता, टॉप ऑर्डर गेंदबाजी नहीं करता’
चोपड़ा ने अपने यूट्यूब चैनल पर हार का विश्लेषण करते हुए भारतीय लाइनअप में संतुलन की कमी की ओर इशारा किया. चोपड़ा ने कहा, ‘हमारा पुछल्ला बल्लेबाजी नहीं करता और हमारा टॉप ऑर्डर गेंदबाजी नहीं करता. उन्हें कम से कम थोड़ी गेंदबाजी तो करनी चाहिए. मैं यह नहीं कह रहा कि आपको 15-ओवर देने की जरूरत है, कि आपके पास जैक्स कैलिस जैसा खिलाड़ी होना चाहिए, या जैसे वे (दक्षिण अफ़्रीका) वियान मुल्डर को नंबर 3 पर खेला रहे हैं या एडेन मार्करम बहुत गेंदबाजी कर रहे हैं.’
हाल ही में विश्व टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल के दौरान दक्षिण अफ़्रीका के दृष्टिकोण का जिक्र करते हुए चोपड़ा ने कहा, ‘टॉप ऑर्डर के बल्लेबाज न होने के बावजूद, मुल्डर को दक्षिण अफ़्रीका के लिए क्रम में ऊपर भेजा गया है. अगर ऐसा नहीं भी होता है तो भी यह कारगर होगा. यह ऐसी चीज नहीं है जिस पर आपको ध्यान देने की जरूरत है. हालांकि, आपको कम से कम थोड़ी गेंदबाजी की जरूरत है क्योंकि इससे आपको कुछ संतुलन, विकल्प और चुनाव मिलते हैं.’
गंभीर पर बढ़ रहा दबाव
पिछले नवंबर में न्यूजीलैंड के हाथों घरेलू मैदान पर हारने के बाद से भारत नौ टेस्ट मैचों में सिर्फ एक जीत हासिल कर पाया है. चोपड़ा ने कहा कि यह सिलसिला गंभीर पर दबाव बढ़ा रहा है. चोपड़ा ने कहा, ‘गौतम गंभीर पर बहुत दबाव है. दबाव बिल्कुल बढ़ रहा है. अगर आप टेस्ट क्रिकेट में उनके प्रदर्शन को देखें, तो आप पाएंगे कि उन्होंने बहुत ज्यादा मैच नहीं जीते हैं. उन्होंने बांग्लादेश के खिलाफ दो और ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ एक मैच जीता. हालांकि, उन्होंने न्यूजीलैंड के खिलाफ तीन, ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ तीन और इंग्लैंड के खिलाफ एक मैच गंवाया. वे लगातार हार रहे हैं.’
‘आपको नतीजे देने होंगे, कोई बहाना नहीं.’
चोपड़ा ने चेतावनी दी कि अगर भारतीय टीम मौजूदा एंडरसन-तेंदुलकर ट्रॉफी में वापसी करने में विफल रहती है, तो गंभीर की स्थिति गंभीर जांच के दायरे में आ सकती है. उन्होंने कहा, ‘अगर इंग्लैंड के साथ सीरीज अच्छी नहीं जाती है, तो सवाल उठेगा – वे कहां जा रहे हैं और क्या कर रहे हैं? क्योंकि चयनकर्ताओं को लगेगा कि टीम प्रबंधन जो भी मांग रहा है, उसे दिया जा रहा है. आप जिस तरह के खिलाड़ी चाहते हैं, जितने खिलाड़ी चाहते हैं और जिस खिलाड़ी की ओर आप इशारा कर रहे हैं, वह दिया जा रहा है. इसलिए, अगर ऐसा है तो आपको नतीजे देने होंगे. बस. कोई बहाना नहीं है.’
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