आगरा पागलखाने में इलाज कैसे होता है, यह जानने के लिए हमने आगरा के मानसिक स्वास्थ्य संस्थान के निदेशक प्रो. डॉ. दिनेश राठौर से बात की। आगरा का मानसिक स्वास्थ्य संस्थान, जिसे लोग आगरा का पागलखाना भी कहते हैं, एक ऐसी जगह है जहां मानसिक रोगियों का इलाज किया जाता है।
लोगों की धारणा है कि यहां सिर्फ अति गंभीर रोगियों का ही इलाज किया जाता है या सिर्फ उन्हें ही इलाज की जरूरत है। लेकिन यह सच नहीं है। कई मानसिक बीमारियां ऐसी हैं कि खुद रोगी को इसका अहसास नहीं होता है कि वो मानसिक पीड़ा से गुजर रहा है।
प्रो. डॉ. दिनेश राठौर बताते हैं कि यहां हर तरह के मानसिक रोगों का उपचार किया जाता है। लोगों की सोच है कि मानसिक स्वास्थ्य संस्थान में सिर्फ पागलों का इलाज होता है, जबकि ऐसा नहीं है। जैसे अन्य मनोरोग विशेषज्ञ इलाज करते हैं, वैसा ही उपचार यहां रोगियों को दिया जाता है। बल्कि अन्य स्थानों से बेहतर और अधिक अनुभवी चिकित्सक यहां इलाज करते हैं।
पहले दवा नहीं थी, इसलिए लोगों को यहां रखा जाता था। लेकिन अब इलाज उपलब्ध है। प्रो. डॉ. दिनेश राठौर बताते हैं कि यहां किसी रोगी को रस्सी या जंजीर से बांधा नहीं जाता है। यहां केवल इलाज किया जाता है, न कि किसी तरह की प्रतibandhak का उपयोग किया जाता है।
मानसिक रोग कई प्रकार के होते हैं। अवसाद, चिंता, अति सेक्स, आत्महत्या के विचार आना, तनाव या नशे की लत, ये सब मानसिक रोग होते हैं। इन सभी बीमारियों का इलाज मानसिक स्वास्थ्य संस्थान में किया जाता है। इनका उपचार जरूरी है अन्यथा रोग बढ़ता चला जाता है।
आगरा का मानसिक स्वास्थ्य संस्थान एक ऐसी जगह है जहां मानसिक रोगियों का इलाज किया जाता है। यहां हर तरह के मानसिक रोगों का उपचार किया जाता है। लोगों की धारणा है कि यहां सिर्फ अति गंभीर रोगियों का ही इलाज किया जाता है, लेकिन यह सच नहीं है।

