Uttar Pradesh

आईएमए ने डॉ. शाहीन शाहिद की सदस्यता रद्द की, दिल्ली ब्लास्ट से जुड़ा है नाम

उत्तर प्रदेश में डॉ. शाहीन शाहिद की सदस्यता रद्द, दिल्ली ब्लास्ट से जुड़ा है नाम

गाजियाबाद: इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) उत्तर प्रदेश ने डॉ. शाहीन शाहिद की आजीवन सदस्यता तत्काल प्रभाव से रद्द कर दी है. यह कदम कानपुर ब्रांच की संस्तुति के बाद उठाया गया, जिसमें डॉ. शाहीन पर कथित रूप से राष्ट्र-विरोधी और आतंकवादी गतिविधियों में शामिल होने के आरोप लगाए गए हैं।

आईएमए उत्तर प्रदेश के प्रांतीय कार्यालय ने कानपुर ब्रांच से यह संस्तुति प्राप्त की थी कि डॉ. शाहीन कथित रूप से राष्ट्र-विरोधी और आतंकवादी गतिविधियों में शामिल पाई गई हैं. इसके बाद प्रांतीय शाखा ने सदस्यता निरस्त करते हुए मामला केंद्रीय आईएमए को भेज दिया है।

डॉ. शाहीन शाहिद लखनऊ की रहने वाली हैं और 46 साल की है. उनकी शिक्षा की बात करें तो वे बचपन से ही पढ़ाई में तेज थीं और अपने क्लास में टॉप करती थीं. उन्होंने लखनऊ के सरकारी गर्ल्स स्कूल से 10वीं और 12वीं में टॉप किया और फिर प्रयागराज (तब इलाहाबाद) के मोतीलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज से एमबीबीएस की पढ़ाई पूरी की. बाद में वे कानपुर के गवर्नमेंट मेडिकल साइंसेज विश्वविद्यालय (जीएसवीएम) मेडिकल कॉलेज में असिस्टेंट प्रोफेसर बनीं.

डॉ. शाहीन ने कई साल फार्माकोलॉजी डिपार्टमेंट में पढ़ाया और छात्रों को प्रैक्टिकल नॉलेज दी. उनके साथी और स्टूडेंट्स बताते हैं कि वे एक प्रतिभाशाली शिक्षक थीं. हालांकि, 2013 से उनकी अटेंडेंस इर्रेगुलर होने लगी और 2021 में उनकी सेवाएं समाप्त कर दी गईं. इसके बाद उनके निजी जीवन में भी उलझनें आईं, उनका विवाह महाराष्ट्र के ऑप्थल्मोलॉजिस्ट डॉ. जाफर सईद से हुआ था, जो 2015 में तलाक में बदल गया।

सूत्रों के अनुसार, शाहीन शाहिद का नाम दिल्ली ब्लास्ट में आरोपी आतंकी मुजम्मिल से जुड़े संदिग्ध मामलों में आया है. इसके अलावा उनका नाम पाकिस्तान स्थित आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद से भी जोड़ा गया है. उनके कानपुर और लखनऊ में भी नेटवर्क की जानकारी एजेंसियों को मिली है. फरीदाबाद की अल-फलाह यूनिवर्सिटी से जुड़ने के बाद, शाहीन कथित रूप से कट्टरपंथी विचारधारा में शामिल हुई और संगठन के इंडिया विंग को मजबूत करने में लगी.

आईएमए के इस कदम के बाद, डॉ. शाहीन शाहिद के निजी जीवन और उनके शैक्षिक करियर के बारे में कई सवाल उठ रहे हैं. यह देखना दिलचस्प होगा कि आगे क्या होता है और क्या डॉ. शाहीन शाहिद के खिलाफ कोई मुकदमा चलाया जाएगा.

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