आईआईटी कानपुर के प्रोफेसर अमित कुमार अग्रवाल को राष्ट्रीय विज्ञान पुरस्कार 2025 के अंतर्गत विज्ञान युवा शांति स्वरूप भटनागर पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। यह पुरस्कार भारत के विज्ञान और प्रौद्योगिकी जगत का सबसे बड़ा सम्मान माना जाता है। उन्हें यह पुरस्कार क्वांटम फिजिक्स के क्षेत्र में किए गए उनके शानदार शोध और योगदान के लिए दिया गया है।
क्वांटम फिजिक्स में अग्रणी योगदान के लिए मिला सम्मान
सम्मान आईआईटी कानपुर प्रशासनिक अधिकारियों के अनुसार, प्रो. अग्रवाल को यह सम्मान उनके सैद्धांतिक संघनित पदार्थ भौतिकी (Theoretical Condensed Matter Physics) में किए गए शोध के लिए दिया गया है। उन्होंने क्वांटम ट्रांसपोर्ट, टोपोलॉजिकल मैटेरियल और लो डायमेंशनल सिस्टम पर कई महत्वपूर्ण शोध कार्य किए हैं, जो आज आधुनिक भौतिकी के सबसे अहम विषयों में गिने जाते हैं। उनकी यह उपलब्धि न सिर्फ आईआईटी कानपुर बल्कि पूरे भारतीय वैज्ञानिक समुदाय के लिए गर्व की बात है।
इटली में किया शोध, कई सम्मान हासिल किए
प्रो. अमित अग्रवाल ने अपनी पीएचडी वर्ष 2005 से 2009 के बीच इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस (IISc) बेंगलुरु से की। उन्होंने यह शोध प्रो. दिप्तिमन सेन के मार्गदर्शन में पूरा किया था। उनका शोध प्रबंध “ट्रांसपोर्ट प्रॉपर्टीज ऑफ क्वासी वन डायमेंशनल क्वांटम सिस्टम्स” वर्ष 2009–2011 के दौरान सैद्धांतिक भौतिकी में सर्वश्रेष्ठ पीएचडी थीसिस के लिए कुमारी एल. ए. मीरा मेमोरियल मेडल से सम्मानित हुआ था। आईआईटी कानपुर में शामिल होने से पहले वे इटली में मैरी क्यूरी पोस्टडॉक्टोरल रिसर्चर के रूप में कार्यरत रहे। वहां उन्होंने प्रो. रोजारियो फाजियो और डॉ. मार्को पोलिनी के साथ यूरोपियन यूनियन एफपी 7 प्रोजेक्ट “सेमी स्पिन नेट पर काम किया। इस परियोजना के दौरान उन्होंने क्वांटम मैनी बॉडी इफेक्ट्स और स्पिन ऑर्बिट कपलिंग वाले टू डायमेंशनल इलेक्ट्रॉन गैसेस पर गहराई से शोध किया।
आईआईटी कानपुर मेरा घर और कर्मभूमि
पुरस्कार मिलने के बाद प्रो. अमित अग्रवाल ने कहा, “इस सम्मान से मुझे गर्व और प्रेरणा दोनों मिली है। मेरा सफर क्वांटम वर्ल्ड को समझने की जिज्ञासा और अपने गुरुओं, सहयोगियों और छात्रों से मिली प्रेरणा से आगे बढ़ता रहा है। आईआईटी कानपुर का भौतिकी विभाग 2012 से मेरा घर और कर्मभूमि रहा है। यहां की ऊर्जा, सीखने की भावना और उत्कृष्टता का माहौल हमेशा मुझे प्रेरित करता है।
राष्ट्रीय विज्ञान पुरस्कार
राष्ट्रीय विज्ञान पुरस्कार भारत सरकार द्वारा दिया जाने वाला एक प्रतिष्ठित सम्मान है जो विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचार में असाधारण योगदान के लिए दिया जाता है। इसकी “विज्ञान युवा – शांति स्वरूप भटनागर” श्रेणी खास तौर पर 45 वर्ष से कम उम्र के वैज्ञानिकों को दी जाती है जिन्होंने अपने क्षेत्र में महत्वपूर्ण और मौलिक काम किया हो।

