अड़हुल के पौधे में नहीं आ रहे फूल? अपनाएं ये आसान घरेलू उपाय
अड़हुल का पौधा अपनी सुंदरता और धार्मिक महत्व के लिए जाना जाता है. इसके लाल, पीले या गुलाबी फूल न केवल घर की शोभा बढ़ाते हैं, बल्कि पूजा-पाठ में भी उपयोग किए जाते हैं. लेकिन कई बार ऐसा होता है कि पौधा तो हरा-भरा रहता है, पर उस पर फूल नहीं आते हैं. लेकिन कुछ आसान उपाय करने से पौधा फूलों से लद जाएगा.
अड़हुल के पौधों को सूरज की रोशनी बहुत पसंद होती है. अगर यह छांव या कमरे के अंदर रखा है, तो इसमें फूल आने की संभावना बहुत कम होती है. इस पौधे को रोजाना कम से कम 5 से 6 घंटे सीधी धूप मिलनी चाहिए. इसलिए इसे ऐसी जगह रखें, जहां सुबह से दोपहर तक की धूप सीधे पहुंचे. ध्यान रखें कि अड़हुल के पौधे के लिए मिट्टी न ज्यादा चिकनी हो और न ही बहुत रेतीली हो. मिट्टी का पीएच स्तर 6 से 7 के बीच होना सबसे अच्छा रहता है. इसके लिए आप 40% बगीचे की मिट्टी, 30% गोबर की खाद और 30% रेत या कोकोपीट का मिश्रण बना सकते हैं. इससे मिट्टी में नमी भी बनी रहेगी और पौधे की जड़ों को हवा भी मिलती रहेगी.
पौधें में फूल नहीं आने की सबसे बड़ी वजह पोषक तत्वों की कमी होती है. अड़हुल के पौधे को महीने में दो बार जैविक खाद दें. खासतौर पर गोबर की सड़ी हुई खाद या वर्मी कम्पोस्ट बहुत अच्छी होती है. अगर आप चाहें तो पौधे को फॉस्फोरस युक्त लिक्विड फर्टिलाइजर जैसे बोन मील या डीएपी की हल्की मात्रा भी दे सकते हैं, लेकिन रासायनिक खाद का उपयोग बहुत सोच-समझकर करें.
अड़हुल के पौधों को नमी बहुत पसंद है, लेकिन जड़ों में पानी भर जाने से यह कमजोर पड़ जाती है और फूल भी नहीं आता हैं. इसलिए जब मिट्टी की ऊपरी परत सूख जाए, तभी पानी दें. गर्मियों में रोजाना या एक दिन छोड़कर पानी देना उचित है, जबकि सर्दियों में हफ्ते में 2 से 3 बार पानी पर्याप्त है. बलिया के फेमस कृषि एक्सपर्ट प्रो. अशोक कुमार सिंह के अनुसार, अड़हुल के पौधों की पुरानी और सूखी टहनियां पौधे की बढ़त रोक देती हैं. इसलिए हर 2 से 3 महीने में हल्की छंटाई जरूर करें. इससे नई कोपलें निकलती हैं और पौधा फूल देने लगता है. अगर आप अपने अड़हुल के पौधे को धूप, सही मिट्टी, नियमित खाद और सही मात्रा में पानी देंगे, तो कुछ ही हफ्तों में यह दोबारा फूलों से भर जाएगा. थोड़ी देखभाल और सही तरीका अपनाकर आप अपने घर को फिर से सुंदर अड़हुल के फूलों से गमका सकते हैं.

