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MCC permanently bans use of saliva shine ball if dog enter in ground empire give dead ball new cricket rules| बीच मैच में क्रिकेट के मैदान पर घुसा कुत्ता तो अंपायर करेंगे ऐसा, बदल गया है नियम



नई दिल्ली: भारत में क्रिकेट को धर्म माना जाता है, यहां क्रिकेट को त्योहार की तरह मनाया जाता है. अब क्रिकेट में बहुत ही सारे नियम बदल दिए गए हैं. कुछ पुराने नियमों को हटाया गया है, तो कई नए नियम जुड़े हैं. मैदान में किसी के घुसने को लेकर भी एक नया नियम बनाया गया है. आइए जानते हैं, सारे बदले गए नियमों के बारे में.  
किसी के मैदान में घुसने पर अंपायर करेंगे ऐसा 
मैदान पर किसी व्यक्ति, पशु या अन्य चीज से किसी टीम को नुकसान होने पर डेड गेंद का इशारा होगा. मसलन पिच पर कोई घुस जाए या मैदान पर कुत्ता दौड़ जाए या कई बार बाहरी बाधा होती है, तो इसका असर खेल पर पड़ने पर अंपायर डेड गेंद का इशारा करेंगे. कई बार देखा गया है कि दर्शक अपने फेवरेट प्लेयर्स से मिलने के लिए मैदान पर दौड़ लगा देते हैं या कई बार आवारा जानवर भी ग्राउंड में घुस जाते हैं. अब इन सबसे प्लेयर्स को निजात मिलेगी. 
माकडिंग के लिए बदला नियम 
क्रिकेट के नियमों के संरक्षक मेरिलबोन क्रिकेट क्लब (MCC) ने दूसरे छोर पर खड़े बल्लेबाज को रन आउट करने संबंधी नियम को अब ‘अनुचित खेल’ श्रेणी से हटा दिया. इसके साथ ही गेंद को चमकाने के लिए लार के इस्तेमाल पर भी पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया और 2022 संहिता में ये बदलाव अक्टूबर से लागू होंगे.
बल्लेबाज माना जाएगा रन आउट 
दूसरे छोर पर बल्लेबाज के क्रीज से आगे निकल आने के बाद रन आउट करने को लेकर काफी बहस होती रही है और इसे खेलभावना के विपरीत बताया जाता रहा है. भारत के अनुभवी आफ स्पिनर रविचंद्रन अश्विन समेत कई खिलाड़ियों ने हालांकि इसे बल्लेबाज को आउट करने का उचित तरीका बताकर इसकी पैरवी की है.
वीनू माकंड ने इस तरह से किया था रन आउट
सबसे पहले 1948 में इस तरह का वाकया हुआ था जब भारत के महान खिलाड़ी वीनू मांकड़ ने ऑस्ट्रेलियाई विकेटकीपर बिल ब्राउन को दूसरे छोर पर आउट किया था. उन्होंने इससे पहले बल्लेबाज को चेतावनी भी दी थी. ऑस्ट्रेलियाई मीडिया ने इसे ‘मांकेडिंग’ करार दिया, लेकिन सुनील गावस्कर जैसे महान खिलाड़ियों ने इसे मांकड़ के प्रति अपमानजनक बताकर इसका कड़ा विरोध किया. 
नहीं कर सकते लार का उपयोग 
एमसीसी ने यह भी कहा कि गेंद को चमकाने के लिए लार का प्रयोग अनुचति माना जाएगा. कोरोना महामारी के कारण आईसीसी ने लार के इस्तेमाल पर रोक लगा दी थी. एमसीसी ने कहा कि उसकी रिसर्च से पता चला है कि गेंद की मूवमेंट पर लार का कोई असर नहीं होता. इसने कहा, ‘कोरोना महामारी के बाद जब क्रिकेट बहाल हुआ तो विभिन्न प्रारूपों में खेलने की शर्तों में साफ लिखा था कि लार का इस्तेमाल नहीं किया जा सकेगा. इसमें कहा गया, ‘एमसीसी की रिसर्च से पता चला कि गेंद की स्विंग पर लार का कोई असर नहीं होता. खिलाड़ी गेंद को चमकाने के लिए पसीने का भी इस्तेमाल करते हैं जो समान रूप से प्रभावी है.’
इसमें कहा गया, ‘नए नियम के तहत गेंद पर लार का प्रयोग नहीं हो सकेगा. इसके साथ ही फील्डरों के भी मीठी चीजें खाकर लार को गेंद पर लगाने पर रोक लगा दी गई है. लार का इस्तेमाल गेंद की स्थिति में बदलाव के अन्य अनुचित तरीकों की ही तरह माना जाएगा.’ संहिता में बदलाव का सुझाव एमसीसी नियमों की उपसमिति ने दिया है जिसे मुख्य समिति ने पिछले सप्ताह मंजूरी दे दी. ये बदलाव अक्टूबर से लागू होंगे.



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