Last Updated:December 23, 2025, 21:06 ISTUP Latest News: केवीआर (KVR) गठित होने के बाद इसके विकास को लेकर सरकार के ऊपर कोई अतिरिक्त भार नहीं आएगा. प्रस्ताव के मुताबिक काशी विंध्य क्षेत्र विकास प्राधिकरण का दायरा 23815 वर्ग किलोमीटर तय किया गया है. जिसमें वाराणसी जिले के 1535, मिर्जापुर 4521, भदोही, 1015, जौनपुर 4038, चंदौली 2541, गाजीपुर 3377 व सोनभद्र के 6788 वर्ग किलोमीटर का रेंज शामिल है. केवीआर में मुख्यमंत्री अध्यक्ष होंगे. वहीं, प्रमुख सचिव आवास सीईओ के तौर पर काम करेंगे. व्यवसाय में वृद्धि के साथ ही नागरिकों को भी मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराने को लेकर काम किया जाएगा. मास्टर प्लानKVR to be formed on the lines of NCR: दिल्ली के एनसीआर (NCR) की तर्ज पर राज्य सरकार की ओर से केवीआर (KVR) का गठन किया जाएगा. काशी विंध्य क्षेत्र विकास प्राधिकरण बनाकर पूर्वांचल के 7 जिलों का विकास कराया जाएगा, इसमें आर्थिक गतिविधियों के साथ ही इन्हें विकसित बनाने को लेकर भी काम किया जाएगा. नीति आयोग के द्वारा केवीआर गठित करने को लेकर सुझाव दिए गए थे. सुझाव को यूपी सरकार से मंजूरी मिल गई है. मंजूरी मिलने के बाद केवीआर का गठन हो गया है. केवीआर में मुख्यमंत्री अध्यक्ष होंगे. वहीं, प्रमुख सचिव आवास सीईओ के तौर पर काम करेंगे. व्यवसाय में वृद्धि के साथ ही नागरिकों को भी मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराने को लेकर काम किया जाएगा.
केवीआर (KVR) गठित होने के बाद इसके विकास को लेकर सरकार के ऊपर कोई अतिरिक्त भार नहीं आएगा. प्रस्ताव के मुताबिक काशी विंध्य क्षेत्र विकास प्राधिकरण का दायरा 23815 वर्ग किलोमीटर तय किया गया है. जिसमें वाराणसी जिले के 1535, मिर्जापुर 4521, भदोही, 1015, जौनपुर 4038, चंदौली 2541, गाजीपुर 3377 व सोनभद्र के 6788 वर्ग किलोमीटर का रेंज शामिल है. इस परियोजना में सबसे ज्यादा सोनभद्र की जमीन को लिया गया है. सोनभद्र वर्तमान में औद्योगिक केंद्र बनकर उभरा है ऐसे में उसके विकास को लेकर यह सार्थक कदम होगा. नीति आयोग ने पूरा प्रस्ताव बनाकर सरकार को भेजा था, जहां सरकार की ओर से हरी झंडी मिल गई है.
अध्यक्ष स्वयं मुख्यमंत्री होंगेप्रस्ताव के अनुसार केवीआर के कार्यकारी समिति के अध्यक्ष स्वयं मुख्यमंत्री होंगे. वहीं, प्रमुख सचिव आवास सीईओ के तौर पर काम करेंगे. इसमें वाराणसी के कमिश्नर सचिव और विंध्याचल मंडल के कमिश्नर सदस्य रहेंगे. इसके अलावा हर जिले से विशेषज्ञों को बतौर सदस्य शामिल किया जाएगा और उनके सुझावों को वरीयता देकर काम कराया जाएगा.
केवीआर ही देगी मास्टर प्लान को मंजूरीकेवीआर गठित होने के बाद कोई भी मास्टर प्लान की मंजूरी केवीआर से लेनी होगी. केवीआर के अनुसार विकास के लिए नए प्लान तैयार होंगे. केवीआर के जिलों की आबादी करीब दो करोड़ है. इससे न सिर्फ विकास के रास्ते खुलेंगे, बल्कि रोजगार का सृजन होगा. कैबिनेट से मंजूरी मिलने के बाद केवीआर पर तेजी के साथ काम किया जाएगा.About the AuthorManish Raiकाशी के बगल चंदौली से ताल्लुक रखते है. बिजेनस, सेहत, स्पोर्टस, राजनीति, लाइफस्टाइल और ट्रैवल से जुड़ी खबरें पढ़ना पसंद है. मीडिया में करियर की शुरुआत ईटीवी भारत हैदराबाद से हुई. अभी लोकल18 यूपी के कॉर्डिनेटर की…और पढ़ेंFirst Published :December 23, 2025, 21:06 ISThomeuttar-pradeshपूर्वांचल के विकास को मिलेगी नई रफ्तार, राज्य सरकार ने KVR गठन पर लगाई मुहर

