Last Updated:December 23, 2025, 07:40 ISTMirzapur News: मिर्जापुर में पूर्वांचल का पहला यार्न प्रोसेसिंग प्लांट लगने जा रहा है. 8 करोड़ की लागत से बनने वाला यह प्लांट अप्रैल 2026 तक तैयार होगा. इससे कालीन व कंबल कारोबारियों की लागत घटेगी, 2 लाख युवाओं को रोजगार और 5 लाख भेड़पालकों को सीधा लाभ मिलेगा.मिर्जापुर : उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर जिले के कालीन कारोबारी को अब ऊन के लिए न्यूजीलैंड या कश्मीर पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा. मिर्जापुर जिले में यार्न प्रोसेसिंग प्लांट लगने के बाद आसानी से ऊन उपलब्ध होगा और उनकी समस्या दूर हो जाएगी. कालीन निर्यातकों को महंगे दामों पर ऊन नहीं खरीदना पड़ेगा. आसानी से यहीं पर बने हुए ऊन से कालीन की बुनाई कर सकेंगे. मिर्जापुर जिले में पूर्वांचल का पहला यार्न प्रोसेसिंग प्लांट लगाने को लेकर कवायद चल रही है. प्लांट लगाने का प्लान तैयार किया गया है. इसके लगने के बाद न सिर्फ कालीन कारोबारी को फायदा मिलेगा. बल्कि, भेड़पालकों की भी अच्छी कमाई होगी.
उद्योग विभाग की ओर से पीपीपी (पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप) मॉडल पर यार्न प्रोसेसिंग प्लांट बनाने को लेकर प्रस्ताव तैयार किया गया है. लालगंज में बनने वाले प्लांट के निर्माण में करीब 8 करोड रुपए खर्च होंगे. प्रस्ताव को मंजूरी मिल गई है. जल्द ही इसके निर्माण को लेकर काम शुरू किया जाएगा. अप्रैल 2026 तक इस प्लांट के निर्माण का काम पूरा होने को लेकर उम्मीद जताई जा रही है. प्लांट के बनने के बाद 50 हजार मीट्रिक टन यार्न का उत्पादन होगा. अभी तक मिर्जापुर के कालीन कारोबारी न्यूजीलैंड व ऑस्ट्रेलिया के अलावा राजस्थान और कश्मीर आदि प्रांतों से ऊन मंगाते हैं, जिसमें भारी रकम खर्च होता है. मिर्जापुर में ऊन मिलने के बाद पैसे बचेंगे और परेशान भी नहीं होना पड़ेगा.
दो लाख युवा और 5 लाख भेड़पालकों को फायदा
यार्न प्रोसेसिंग प्लांट लगने के बाद करीब 2 लाख युवाओं को रोजगार मिलेगा, इसके अलावा 5 लाख से अधिक भेड़पालकों को भी अपने भेड़ के रोआ से पैसे मिलेंगे. उनको भी भेड़ का रोआ बेचने के लिए परेशान नहीं होना पड़ेगा. मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डॉ. भूपेंद्र के अनुसार पूर्वांचल में करीब 5 लाख से ज्यादा भेड़ पालक हैं. उन्हें अपना उत्पाद अभी तक राजस्थान व अन्य राज्यों के प्रोसेसिंग प्लांट में मजबूरन बेचना पड़ता था. रौआ की कीमत न मिलने की वजह से कई बार उसे फेंक भी देते थे.
कंबल कारोबारियों को फायदा
लालगंज में प्रोसेसिंग प्लांट लगने से न सिर्फ कालीन कारोबारी को फायदा होगा. इसका लाभ कंबल कारखाने को भी मिलेगा. मिर्जापुर, सोनभद्र ,वाराणसी व भदोही जिले में कई कंबल कारखाने हैं. ऐसे में उन्हें भी आसानी से ऊन मिल सकेगा. लागत कम होने से न सिर्फ उनका फायदा होगा. बल्कि, उन्हें खरीदने वाले लोगों को भी कम दामों पर कंबल मिल सकेगा.
जल्द शुरू होगा काम
विंध्याचल मंडल के सहायक आयुक्त उद्योग वीरेंद्र कुमार ने बताया कि कालीन कारोबारियों के लिए मिर्जापुर जिले में यानी प्रोसेसिंग प्लांट लगाया जाना है. लालगंज में इसका निर्माण कराया जाएगा. प्रोसेसिंग प्लांट लगने के बाद कालीन निर्यात की ज़रूरतें पूरी होगी. वहीं, भेड़पालको को भी लाभ मिलेगा. कंबल निर्माण के साथ ही युवाओं के लिए रोजगार का सृजन होगा और कमाई भी होगी.About the AuthorLalit Bhattपिछले एक दशक से अधिक समय से पत्रकारिता के क्षेत्र में सक्रिय हूं. 2010 में प्रिंट मीडिया से अपने पत्रकारिता करियर की शुरुआत की, जिसके बाद यह सफर निरंतर आगे बढ़ता गया. प्रिंट, टीवी और डिजिटल-तीनों ही माध्यमों म…और पढ़ेंLocation :Mirzapur,Uttar PradeshFirst Published :December 23, 2025, 07:39 ISThomeuttar-pradeshमिर्जापुर में लगेगा पूर्वांचल का पहला यार्न प्रोसेसिंग प्लांट

