सुल्तानपुर: यूपी का सुल्तानपुर इस समय सुर्खियों में है. यहां पर एक अजब-गजब का मामला सामने आया है, जहां एक व्यक्ति को बतौर दिव्यांग विधायक ने व्हीलचेयर दी, लेकिन फोटो खिंचवाने के बाद वह व्यक्ति तुरंत उठकर चलने लगा, जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया. वीडियो में विधायक जी मौजूद हैं, जिसमें वे एक स्वस्थ व्यक्ति को फोल्डिंग व्हील चेयर पर बैठाकर वीडियो बनवा रहे हैं और बाद में व्हील चेयर उसी सामान्य व्यक्ति को सौंप दी जा रही है.
वहीं सोशल मीडिया पर किरकिरी होने के बाद विधायक सीताराम वर्मा कैमरे के सामने आए और वीडियो जारी कर मामले की सच्चाई बताते हुए अपना पक्ष रखा. उन्होंने कहा कि ये व्हील चेयर जिसे देनी थी वो दिव्यांग बीमार था, लिहाजा उसके पिता को व्हील चेयर दी गई, लेकिन सवाल ये उठता है कि जब व्हील चेयर उनके पिता को ही देनी थी तो उसपर बैठाकर फोटो और वीडियो बनवाने की जरूरत क्यों पड़ गई.
यहां का है मामला
दरअसल ये मामला लंभुआ ब्लाक परिसर का है, जहां शनिवार को इलाके के विधायक सीताराम वर्मा की ओर से तमाम दिव्यागों को उपकरण वितरण किया जाना था. विधायक जी कार्यक्रम में देर से पहुंचे. लिहाजा अन्य सभी दिव्यांगों को पहले ही उपकरण वितरित कर दी गई. अंत में विधायक सीताराम वर्मा की अनुपस्थिति में एक हस्ट-पुस्ट व्यक्ति को व्हील चेयर पर बैठाकर वीडियो बनाया गया, जो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ और विधायक की किरकिरी होने लगी.
इसके बाद विधायक जी ने रविवार को एक वीडियो जारी कर मामले की हकीकत बताई. उनकी माने तो बनकेपुर के रहने वाले रामधनी का लड़का संदीप कुमार दिव्यांग है, लेकिन बीमारी के चलते संदीप अपनी व्हील चेयर लेने नहीं पहुंच सका. लिहाजा संदीप के पिता रामधनी को फोल्डिंग व्हीलचेयर देकर विधायक और अधिकारियों ने फोटो और वीडियो बनवा लिया.
जिला प्रशासन का बयान आया सामने
वहीं इस मामले का सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो को लेकर जिला प्रशासन ने संज्ञान लिया और जिले के आधिकारिक सूचना विभाग के व्हाट्सएप ग्रुप पर जानकारी देते हुए बताया गया कि सोशल मीडिया पर वायरल खबर सुल्तानपुर का है. स्वस्थ्य व्यक्ति को मिली व्हीलचेयर के संबंध में जिला पिछड़ा वर्ग कल्याण अधिकारी मुदित श्रीवास्तव ने बताया कि अभी जानकारी के अनुसार, विधायक की ओर से जो व्हील चेयर दी गई है, वह दिव्यांग संदीप के पिता रामधनी निवासी बनकेपुर थे, क्योंकि दिव्यांग वितरण कार्यक्रम में आने में असमर्थ थे, इसलिए उनके पिता को ये व्हील चेयर दी गई.
लोग मान रहे, हुई किरकिरी
हकीकत चाहे जो भी हो, लेकिन सबसे बड़ा सवाल ये है कि अगर संदीप के पिता को व्हील चेयर देना ही था तो उसका वीडियो फोटो बनवाने की क्या जरूरत थी. अगर ऐसा न हता, तो न ही जिला प्रशासन और भाजपा विधायक सीताराम वर्मा की इतनी किरकिरी होती और न ही भाजपा विधायक सीताराम वर्मा को कैमरे के सामने आकर वायरल वीडियो को लेकर सफाई देते हुए अपना पक्ष रखना पड़ता है.

