Uttar Pradesh

जहरीली हुई नोएडा की हवा, अस्पताल की ओपीडी फुल, हो जाएं सावधान, ऐसे करें बचाव, डॉक्टर ने दी है ये सलाह

 नोएडा: नोएडा एनसीआर में प्रदूषण का स्तर एक बार फिर खतरनाक श्रेणी में पहुंच गया है, जो 400 से ऊपर दर्ज किया गया है. हवा में मौजूद जहरीले कणों के कारण लोगों को सांस लेने तक में भारी दिक्कत हो रही है और इसका सीधा असर सरकारी और निजी अस्पतालों की ओपीडी पर साफ दिख रहा है. जिला अस्पताल की ओपीडी इन दिनों 3500 से 4000 मरीज रोजाना दर्ज कर रही है, जो सामान्य दिनों से काफी अधिक है. सीएमएस डॉ. अजय राणा का कहना है कि सर्दियों की शुरुआत के साथ ही हवा में प्रदूषण कई गुना बढ़ जाता है और इसका असर बच्चों, बुजुर्गों और पहले से बीमार लोगों पर सबसे ज्यादा पड़ता है. आप कुछ इस तरह प्रीकॉशन साथ बच सकते है अस्पताल आने से…

इस उम्र में ये बीमारी सबसे ज्यादा

जिला अस्पताल की सीएमएस डॉ. अजय राणा ने बताया कि पॉल्यूशन का असर आंख, नाक, कान, गला और जोड़ो तक पर पड़ता है. हवा में मौजूद धुएं और धूलकणों से आंखों में जलन, लालपन, पानी आना और एलर्जी जैसे मामले बढ़ जाते हैं. गले में खराश, खांसी, नाक बंद होना और कानों में इन्फेक्शन की शिकायतें भी तेजी से बढ़ी हैं. इतना ही नहीं, दिल और फेफड़ों से जुड़ी बीमारियां भी इस समय ज्यादा उभरती हैं. प्रदूषण से इम्यून सिस्टम कमजोर होता है, जिससे वायरल व बैक्टीरियल संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है. बच्चों और बुजुर्गों में फेफड़ों पर होने वाला असर सबसे गंभीर माना जाता है और ऐसे मामलों की संख्या लगातार बढ़ रही है.

इन चीजों का करें सेवन

डॉ. राणा के अनुसार प्रदूषण से बचने के लिए लोगों को सख्त सावधानी बरतने की जरूरत है. उन्होंने बताया कि घर से बाहर निकलते समय मास्क का उपयोग हर हाल में करें. आंखों को प्रदूषित हवाओं से बचाने के लिए चश्मे का इस्तेमाल किया जा सकता है. गर्म पानी पीना, भाप लेना, हर्बल काढ़ा या सूप का सेवन करना गले और श्वसन तंत्र को राहत देता है. एंटीऑक्सीडेंट्स से भरपूर मौसमी फल जैसे संतरा, अमरूद, कीवी और आंवला इम्यूनिटी बढ़ाने में मदद करते हैं. डॉक्टर ने सलाह दी है कि अनावश्यक बाहर निकलने से बचें, क्योंकि घनी प्रदूषित हवा शरीर पर तुरंत असर डालती है और बीमारी की शुरुआत अक्सर गले नाक और आंखों से होती है.

इम्यूनिटी मजबूती के लिए ये बहुत जरूरी

डॉक्टर अजय राणा ने बताया कि अस्पताल प्रशासन का कहना है कि मौसम बदलते ही बीमारियों का पैटर्न भी बदल जाता है. बरसात में जहां डेंगू-अन्य मच्छर जनित रोग बढ़ते हैं, वहीं सर्दियों में प्रदूषण से होने वाली सांस और एलर्जी संबंधी बीमारियां बढ़ जाती हैं. इस समय ओपीडी में ज्यादातर मरीज सांस फूलना, खांसी, सीने में जकड़न, गले में दर्द और आंखों के संक्रमण की शिकायत लेकर पहुंच रहे हैं. इम्यूनिटी मजबूत रखना बहुत जरूरी है. इसके लिए पौष्टिक आहार, नियमित व्यायाम, सुबह की धूप, 7–8 घंटे की नींद और पर्याप्त पानी का सेवन बेहद महत्वपूर्ण है.

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