Uttar Pradesh

शहीद पार्क जाम की जकड़ में… लोहिया मार्केट जर्जर, जनता पूछ रही कब खुलेगा बलिया शहर का दिल?

Last Updated:December 20, 2025, 18:32 ISTBallia Hindi News: बलिया शहर के हृदय भाग में स्थित शहीद पार्क की बदहाल यातायात व्यवस्था ने आमजन और व्यापारियों की मुश्किलें बढ़ा दी है. स्थानीय व्यापारी रजनीकांत सिंह की माने तो जब तक पटरी दुकानदारों के लिए सुनियोजित ढंग से वेंडिंग जोन बनाकर सड़कों को खाली नहीं कराया जाएगा, तब तक शहर की धड़कन यूं ही जाम में फंसी रहेगी. बलिया एक प्लांड सिटी है, जहां चारों ओर चौड़ी सड़कें है. लेकिन ट्रैफिक प्रबंधन के अभाव में जाम से निजात नहीं मिल पा रही है. नागरिकों ने प्रमुख रास्तों को वन-वे किए जाने की भी मांग उठाई है.बलिया शहर के हृदय भाग में स्थित शहीद पार्क की अपनी एक ऐतिहासिक मानता है. तमाम बलिया के बलिदानियों का खून इस मिट्टी में सुना हुआ है. यहां एक तो नहीं बल्कि 6 रास्ते निकलते है. जिन रास्तों में भी बनारस की गलियां है. साहब और इन गलियों का भी अपना एक अलग ही आजादी से जुड़ा इतिहास है. लेकिन इस शहर के दिल की धड़कन को बंद करने को आतुर है. कुंभकर्णीय नींद में जिम्मेदारों के चलते आज तक बलिया को जाम के झाम से निजात नहीं मिल सका. जाम की समस्या कहीं जटिल ना हो जाए, इसके लिए ही लोहिया मार्केट का निर्माण कराया गया. लेकिन करोड़ की लागत से बना लोहिया मार्केट भी अब जर्जर अवस्था में धूल फांकने को मजबूर हो चुका है.

बलिया शहर के हृदय भाग में स्थित शहीद पार्क की बदहाल यातायात व्यवस्था ने आमजन और व्यापारियों की मुश्किलें बढ़ा दी है. स्थानीय व्यापारी रजनीकांत सिंह की माने तो जब तक पटरी दुकानदारों के लिए सुनियोजित ढंग से वेंडिंग जोन बनाकर सड़कों को खाली नहीं कराया जाएगा, तब तक शहर की धड़कन यूं ही जाम में फंसी रहेगी. बलिया एक प्लांड सिटी है, जहां चारों ओर चौड़ी सड़कें है. लेकिन ट्रैफिक प्रबंधन के अभाव में जाम से निजात नहीं मिल पा रही है. नागरिकों ने प्रमुख रास्तों को वन-वे किए जाने की भी मांग उठाई है. वेंडिंग जोन की बातें वर्षों से हो रही है. लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही बयां कर रही है.

दुकानदारों को शिफ्ट कर दिया जाएशहीद पार्क के पास करोड़ों रुपये की लागत से बना लोहिया मार्केट आज भी खाली पड़ा है. लोगों का सुझाव है कि सभी पटरी दुकानदारों को वहां शिफ्ट कर दिया जाए, जिससे सड़कें खाली हों और यातायात सुचारू हो सके. जाम के कारण ग्राहक दुकानों तक नहीं पहुंच पा रहे, जिससे शहर के व्यापारी परेशान है और गांवों के चट्टी-चौराहों की दुकानें गुलजार होती जा रही है. स्थानीय नागरिक भीम बहादुर सिंह का कहना है कि चौड़ी सड़कों पर दुकानों के कारण रास्ते पतले हो गए है, जिस पर स्थानीय नेताओं और प्रशासन को गंभीरता से ध्यान देना चाहिए.

आज तक उसका आवंटन नहीं हुआअशोक गुप्ता उर्फ राहुल के अनुसार यदि लोहिया मार्केट को व्यवस्थित तरीके से चालू कर दिया जाए तो करीब 50 प्रतिशत जाम की समस्या खत्म हो सकती है. उन्होंने नेताओं और अधिकारियों पर तंज कसते हुए कहा कि जिम्मेदारों के काम करने की इच्छा ही खत्म हो गई है. गणेश प्रसाद श्रीवास्तव ने आरोप लगाया कि लोहिया मार्केट भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ चुका है और आज तक उसका आवंटन नहीं हुआ जो अब जर्जर हो चुका है.

कब सुनी जाएगी जनता की आवाजलोगों ने यह भी याद दिलाया कि परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह ने बलिया चौक को चांदनी चौक की तर्ज पर विकसित करने की घोषणा की थी. लेकिन उसका असर अब तक जमीन पर दिखाई नहीं दे पाई. अब देखना यह होगा कि क्या जनता की आवाज सुनी जाएगी या बलिया शहर के दिल की धड़कन यूं ही थम जाएगी.About the AuthorManish Raiकाशी के बगल चंदौली से ताल्लुक रखते है. बिजेनस, सेहत, स्पोर्टस, राजनीति, लाइफस्टाइल और ट्रैवल से जुड़ी खबरें पढ़ना पसंद है. मीडिया में करियर की शुरुआत ईटीवी भारत हैदराबाद से हुई. अभी लोकल18 यूपी के कॉर्डिनेटर की…और पढ़ेंLocation :Ballia,Uttar PradeshFirst Published :December 20, 2025, 18:32 ISThomeuttar-pradeshशहीद पार्क जाम की जकड़ में… जनता पूछ रही कब खुलेगा बलिया शहर का दिल?

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