Last Updated:December 20, 2025, 11:25 ISTRampur News: रामपुर के पीपली वन में हर शनिवार लगने वाला मां बाल सुंदरी देवी का मेला आस्था, परंपरा और इतिहास का संगम है. घने जंगलों के बीच 25–30 हजार श्रद्धालु दर्शन, पूजा और सस्ते बाजार का लाभ लेते हैं. मान्यता है कि मां के दर्शन से जीवन की परेशानियां दूर होती हैं.रामपुर: उत्तर प्रदेश के रामपुर जिले में पीपली वन के घने जंगलों के बीच हर शनिवार को लगने वाला मां बाल सुंदरी देवी का मेला अपने आप में बेहद खास है. चारों ओर ऊंचे-ऊंचे पेड़, कच्चे रास्ते और जंगल की शांति के बीच हजारों श्रद्धालुओं की मौजूदगी इस मेले को अनोखा बना देती है. यह मेला सिर्फ खरीदारी या घूमने के लिए नहीं, बल्कि आस्था परंपरा और इतिहास से गहराई से जुड़ा हुआ है. सालों से चला आ रहा यह आयोजन आज भी उसी श्रद्धा और विश्वास के साथ मनाया जाता है.
स्थानीय बुजुर्गों की मान्यताओं के अनुसार मां बाल सुंदरी का यह मंदिर हजारों साल पुराना है. जूना अखाड़ा से जुड़े महंत सोमानंद सरस्वती बताते हैं कि प्राचीन समय में यहां एक बड़ी घटना घटी थी, जब घुमंतुओं द्वारा गाय काटे जाने से माता रुष्ट हो गई थीं. कहा जाता है कि माता ने मंदिर का गुंबद फाड़ दिया और काशीपुर चली गईं, जिसके बाद पूरा क्षेत्र वीरान हो गया. बाद में लोगों ने माता से क्षमा मांगी विशेष पूजा-अर्चना की गई और माता को मनाकर वापस लाया गया. तभी से मां बाल सुंदरी दोबारा इसी पीपली वन में विराजमान हैं.
मंदिर का इतिहास मुगल काल से भी जुड़ा बताया जाता है. मान्यता है कि मंदिर में लगी कई ईंटें अकबर और मुगलों के समय की हैं. यही वजह है कि यह स्थल सिर्फ धार्मिक ही नहीं, बल्कि ऐतिहासिक दृष्टि से भी बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है. हर शनिवार को यहां लगने वाले मेले में 25 से 30 हजार तक श्रद्धालु पहुंचते हैं. मेले में पूजा-अर्चना के साथ भंडारे का आयोजन होता है. जंगल के बीच लगने वाले इस मेले में खाने-पीने की चीजें, किचन का सामान, कॉस्मेटिक, घरेलू उपयोग की वस्तुएं और रोजमर्रा की जरूरत का सस्ता सामान मिलता है. यही वजह है कि यह मेला ग्रामीणों के साथ-साथ दूर-दराज के लोगों के लिए भी आकर्षण का केंद्र बना हुआ है.
मंदिर तक पहुंचना भी अपने आप में एक अनुभव है. मुख्य सड़क से करीब पांच किलोमीटर अंदर जंगल के रास्ते पैदल या साधनों से होकर श्रद्धालु मंदिर तक पहुंचते हैं. मेले में आए वीरेंद्र कुमार बताते हैं कि वह बचपन से इस मेले में आ रहे हैं. उत्तराखंड के गदरपुर से आए वीरेंद्र कहते हैं यहां आकर बहुत शांति मिलती है. जंगल के बीच मां के दर्शन अलग ही ऊर्जा देते हैं. हमारी कई मनोकामनाएं यहां पूरी हुई हैं. उनके जैसे श्रद्धालु दिल्ली, मुरादाबाद, बरेली, ऊधम सिंह नगर, रामनगर, नैनीताल और पिथौरागढ़ तक से यहां पहुंचते हैं. महंत का मानना है कि मां बाल सुंदरी के दर्शन से वैवाहिक जीवन सुखमय होता है और जीवन की परेशानियां दूर होती हैं. नवरात्रों के समय तो यहां श्रद्धालुओं की संख्या और भी बढ़ जाती है.About the AuthorLalit Bhattपिछले एक दशक से अधिक समय से पत्रकारिता के क्षेत्र में सक्रिय हूं. 2010 में प्रिंट मीडिया से अपने पत्रकारिता करियर की शुरुआत की, जिसके बाद यह सफर निरंतर आगे बढ़ता गया. प्रिंट, टीवी और डिजिटल-तीनों ही माध्यमों म…और पढ़ेंLocation :Rampur,Uttar PradeshFirst Published :December 20, 2025, 11:25 ISThomeuttar-pradeshरामपुर के घने जंगलों में लगता है अनोखा मेला, हजारों लोगों की उमड़ती है भीड़

