Last Updated:December 18, 2025, 04:40 ISTTharparkar cow milk capacity : ये गाय प्रतिदिन 15 से 18 लीटर दूध आराम से देती है. इसकी कीमत 20 हजार से लेकर 60 हजार रुपए तक है. रायबरेली के पशु चिकित्सक डॉ. इंद्रजीत वर्मा बताते हैं कि दूसरे गायों के मुकाबले इसमें रोग प्रतिरोधक क्षमता अधिक होती है. ये सामान्य गायों की तरह ही सामान्य चारे का ही सेवन करती है लेकिन हर चीज में उनसे कहीं आगे है. पशुपालन लोगों के लिए समृद्धि का द्वार खोलने में बड़ी भूमिका निभा रहा है. अब ग्रामीण अंचल से लेकर शहरी क्षेत्र के पढ़े-लिखे युवा भी इसके जरिए अपनी तकदीर बदल रहे हैं. गाय पालन का काम करने वाले पशुपालकों को उन्नत नस्ल की जानकारी न होने के कारण कई बार उन्हें आर्थिक नुकसान उठाना पड़ता है. आज हम गाय की एक खास उन्नत नस्ल के बारे में बताने जा रहे हैं. हम बात कर रहे हैं थारपारकर गाय की, जो अपने कई खास गुणों के लिए जानी जाती है. हमारे देश के पशुपालक इस गाय को ‘दुधारू सोने’ के नाम से भी जानते हैं. थारपारकर गाय भारत में मुख्य रूप से राजस्थान के बाड़मेर, जैसलमेर, जोधपुर में पाई जाती है. जो अपने दुग्ध उत्पादन के लिए जानी जाती है. इसका पालन अब यूपी, बिहार, महाराष्ट्र के पशुपालक भी कर रहे हैं. इसकी उत्पत्ति मुख्य रूप से पाकिस्तान के सिंध प्रांत के जिले थारपारकर की है. Add News18 as Preferred Source on Google डॉ. इंद्रजीत वर्मा बताते हैं कि थारपारकर गाय पशुपालकों के लिए ‘दुधारू सोना’ है. इसकी खासियत है कि यह भीषण गर्मी व सर्दी को सहन करने की क्षमता रखती है. यह गाय अन्य नस्ल की गायों को तुलना में बेहद अलग है. पशु विशेषज्ञ डॉ. इंद्रजीत वर्मा के मुताबिक, इस गाय का रंग सफेद या धूसर होता है. पीठ पर हल्के आसमानी रंग की धारियां होती हैं. इसका सिर मध्यम आकार का माथा और कान चौड़े होने के साथ ही पूंछ पतली और लंबी होती है. ये गाय प्रतिदिन लगभग 15 से 18 लीटर दूध का उत्पादन देती है. इसकी कीमत 20 हजार रुपए से लेकर 60 हजार रुपए तक है. यह गाय एक ब्यांत में 1500 से 2200 लीटर दुग्ध उत्पादन की क्षमता रखती है. इसमें रोग प्रतिरोधक क्षमता अधिक होती है, जिसकी वजह से यह जल्दी से बीमार भी नहीं पड़ती है. इसका पालन करके किसान कम समय में अधिक मुनाफा कमा सकते हैं. थारपारकर गाय सामान्य गायों की तरह ही आहार का सेवन करती है.First Published :December 18, 2025, 04:40 ISThomeagricultureये गाय सफेद सोना, रूखा-सूखा खाकर भी बहाती है दूध की धार, पाकिस्तान से आई यहां
Parliamentary panel calls for strict implementation of Land Acquisition Act in its entirety and true spirit
On Rehabilitation and resettlement, the Committee recommended that the Ministry strengthen the National Monitoring Committee structurally and functionally…

