Last Updated:December 15, 2025, 20:15 ISTPotato crop care tips : रबी सीजन की सब्जियों में आलू की खेती खूब की जाती है. इस वक्त बुवाई लगभग हो चुकी है. बीज में कल्ले भी निकल आए हैं. आलू उगाने का ये सबसे नाजुक चरण है. जरा सी चूक से आपकी फसल को बीमारियां घेर सकती हैं. इन रोगों में सबसे खतरनाक झुलसा रोग है. आइये कृषि एक्सपर्ट से इसके लक्षण और बचाव के बारे में जानते हैं.कन्नौज. यूपी के कन्नौज में बड़े पैमाने पर आलू की खेती की जाती है. जिले की अर्थव्यवस्था में आलू की अहम भूमिका है. इन दिनों अधिकांश क्षेत्रों में आलू की बुवाई लगभग पूरी हो चुकी है. ऐसे में अब किसानों के सामने फसल की देखभाल सबसे बड़ी चुनौती है. कृषि वैज्ञानिकों के अनुसार, इस समय आलू की फसल में झुलसा (ब्लाइट) रोग लगने का खतरा सबसे ज्यादा रहता है. समय रहते बचाव न करने पर भारी नुकसान हो सकता है. कन्नौज के जिला कृषि अधिकारी संतलाल गुप्ता बताते हैं कि किसान प्रतिदिन अपने खेतों की निगरानी करें. पत्तियों पर भूरे या काले धब्बे दिखाई देना, पत्तियों का सूखना और तने का कमजोर होना झुलसा रोग के प्रमुख लक्षण हैं. अगर किसी पौधे में इस तरह के लक्षण दिखाई दें तो उन्हें तुरंत खेत से उखाड़कर दूर मिट्टी में दबा दें ताकि संक्रमण दूसरे पौधों में न फैले.
कौन सी दवा रामबाण
झुलसा रोग से बचाव के लिए कृषि वैज्ञानिकों की सलाह पर दवाओं का छिड़काव जरूरी है. रोग की शुरुआती अवस्था में मैन्कोजेब 75 डब्ल्यूपी 2.5 ग्राम प्रति लीटर पानी में घोलकर छिड़काव करें. अधिक प्रकोप की स्थिति में रिडोमिल गोल्ड (मेटालेक्सिल+मैन्कोजेब) 2 ग्राम प्रति लीटर पानी में घोलकर 7–10 दिन के अंतराल पर छिड़काव किया जा सकता है. कॉपर ऑक्सीक्लोराइड 3 ग्राम प्रति लीटर पानी में मिलाकर भी प्रयोग लाभकारी रहता है.
जैविक उपाय
किसान जैविक उपाय के रूप में नीम तेल 3 से 5 मिली प्रति लीटर पानी में घोलकर छिड़काव कर सकते हैं, जिससे रोग का प्रभाव कम होता है. समय-समय पर हल्की सिंचाई करते रहें, क्योंकि पर्याप्त नमी रहने से झुलसा रोग लगने की संभावना कम हो जाती है. जिला कृषि अधिकारी संतलाल गुप्ता के मुताबिक, यूरिया का अत्यधिक प्रयोग न करें, क्योंकि ज्यादा नाइट्रोजन से पौधे कोमल हो जाते हैं और रोग का खतरा बढ़ जाता है. संतुलित उर्वरक प्रबंधन और समय पर उपचार से किसान आलू की फसल को झुलसा रोग से सुरक्षित रख सकते हैं.About the AuthorPriyanshu GuptaPriyanshu has more than 10 years of experience in journalism. Before News 18 (Network 18 Group), he had worked with Rajsthan Patrika and Amar Ujala. He has Studied Journalism from Indian Institute of Mass Commu…और पढ़ेंLocation :Kannauj,Uttar PradeshFirst Published :December 15, 2025, 20:15 ISThomeagricultureझुलसा रोग ने कर रखा परेशान? आलू किसानों को मुक्ति दिलाएंगी ये 3 दवाएं

