Last Updated:December 13, 2025, 14:10 ISTसंदीप तिवारी अपनी 8 वर्षीय बेटी मन्नत को स्कूल छोड़कर घर लौट रहे थे, तभी मांझे का एक तेज़ टुकड़ा उनके गले में बुरी तरह फंस गया. अनियंत्रित होकर वह बाइक समेत सड़क पर गिर पड़े और अस्पताल ले जाने पर डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया.ख़बरें फटाफटजौनपुर: शहर में प्रतिबंधित चाइनीज मांझे से एक और दर्दनाक मौत ने लोगों के भीतर गुस्सा और चिंता दोनों को बढ़ा दिया है. शास्त्री सेतु पर 40 वर्षीय शिक्षक संदीप तिवारी की मांझे से कटकर मौत ने यह बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है कि आखिर कब तक बेवजह जिंदगी यूं ही खत्म होती रहेगी. प्रतिबंध, अभियानों और चेतावनियों के बावजूद शहर में मांझे की बिक्री धड़ल्ले से जारी है और हर बार इसकी कीमत किसी मासूम की जान बनकर सामने आती है.
हर साल गंवाते हैं लोग जान
प्रशासन केवल हादसे के बाद सक्रिय होता है. कुछ दिनों तक चेकिंग, वाहन रोकना और दुकानों पर छापेमारी की जाती है, फिर स्थिति पहले जैसी ही हो जाती है. शास्त्री पुल, सद्भावना पुल और शाही पुल जैसे प्रमुख मार्गों पर हर वर्ष मांझे की वजह से कई लोग घायल होते हैं, लेकिन इस बार हालात और भी भयावह हो गए जब एक शिक्षक की जान चली गई. संदीप तिवारी अपनी 8 वर्षीय बेटी मन्नत को स्कूल छोड़कर घर लौट रहे थे, तभी मांझे का एक तेज़ टुकड़ा उनके गले में बुरी तरह फंस गया. अनियंत्रित होकर वह बाइक समेत सड़क पर गिर पड़े और अस्पताल ले जाने पर डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया.
बैन होने के बाद भी बिक रहा है मांझा
इस घटना के बाद घर-परिवार के साथ पूरा क्षेत्र सदमे में है. संदीप अपने परिवार के कमाऊ सदस्य थे और पिता विष्णु दत्त तिवारी सहित पूरा परिवार इस दुखद घटना से टूट गया है. लोगों ने पुलिस और प्रशासन से सवाल किया है कि जब यह मांझा पूरी तरह प्रतिबंधित है, फिर इसकी बिक्री आखिर कैसे जारी है? और कब तक लोगों को अपनी जानें गंवाकर इस लापरवाही की कीमत चुकानी होगी?
प्रतिबंधित मांझा मिलने पर होगी कार्रवाई
हादसे के बाद पुलिस-प्रशासन हरकत में जरूर आया है. एसपी डॉ. कौस्तुभ ने सभी थानाध्यक्षों को निर्देश दिया है कि कहीं भी प्रतिबंधित मांझा मिलने पर संबंधित थाना प्रभारी स्वयं कार्रवाई की जद में आएंगे. उन्होंने कहा कि अब मांझा बेचने वालों पर गैर इरादतन हत्या का मुकदमा भी दर्ज किया जाएगा. वहीं सिटी मजिस्ट्रेट इंद्रनंदन सिंह ने कहा है कि प्रशासन स्तर पर भी कड़े कदम उठाए जाएंगे और संयुक्त अभियान चलाकर शहर से इस खतरनाक मांझे को पूरी तरह खत्म किया जाएगा.
आख़िर कब तक बेवजह मासूम लोग अपनी जानें गवांते रहेंगे?और क्या इस बार प्रशासन वाकई ऐसी व्यवस्था बनाएगा जिससे शहर में प्रतिबंधित मांझे की बिक्री हमेशा-हमेशा के लिए बंद हो सके?About the AuthorVivek Kumarविवेक कुमार एक सीनियर जर्नलिस्ट हैं, जिन्हें मीडिया में 10 साल का अनुभव है. वर्तमान में न्यूज 18 हिंदी के साथ जुड़े हैं और हरियाणा, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड की लोकल खबरों पर नजर रहती है. इसके अलावा इन्हें देश-…और पढ़ेंLocation :Jaunpur,Jaunpur,Uttar PradeshFirst Published :December 13, 2025, 13:58 ISThomeuttar-pradeshशास्त्री सेतु पर मांझे से कटा गला, 40 वर्षीय शिक्षक की दर्दनाक मौत

