Kisan Pathshala: उत्तर प्रदेश की योगी सरकार रबी सीजन 2025–26 से पहले किसानों को आधुनिक खेती की जानकारी देने के लिए बड़े स्तर पर ‘किसान पाठशाला’ का आयोजन करने जा रही है. 12 से 29 दिसंबर तक प्रदेश के सभी जनपदों में शुरू होने वाली यह पहल किसानों को नई तकनीक, कम लागत वाली खेती और अधिक मुनाफे के तरीके सीखने का मौका देगी. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इसकी शुरुआत पद्मश्री किसान रामशरण वर्मा के गांव दौलतपुर से करेंगे.
सीएम योगी प्रगति किसान सम्मेलन के जरिए किसानों से संवाद करेंगे. साथ ही, प्रगतिशील किसानों का सम्मान और विभिन्न योजनाओं के लाभार्थी किसानों को चेक व स्वीकृति पत्र वितरित करेंगे. आइए जानते हैं क्या है किसान पाठशाला? कब होगी और कहां-कहां होगी आयोजित…
क्या है किसान पाठशाला?किसान पाठशाला एक सरकारी पहल है जिसके तहत किसानों को उनकी ही ग्रामसभा या ब्लॉक स्तर पर आधुनिक खेती की तकनीक, उन्नत बीज, मृदा परीक्षण, सिंचाई के बेहतर मॉडल, बागवानी, पशुपालन, मधुमक्खी पालन, रेशम पालन और सरकारी योजनाओं के लाभ की व्यावहारिक और मैदानी ट्रेनिंग दी जाती है. अब तक 1.90 करोड़ किसानों को प्रशिक्षित किया जा चुका है, जिससे यह अभियान देश का सबसे बड़ा कृषि प्रशिक्षण मॉडल बन गया है.
किसान पाठशाला कब से आयोजित होगी?राज्य सरकार के अनुसार किसान पाठशालाएं 12 दिसंबर से 29 दिसंबर 2025 तक उत्तर प्रदेश के सभी जिलों में आयोजित की जाएंगी. अभियान की तैयारी 8 दिसंबर से मास्टर ट्रेनर्स के प्रशिक्षण के साथ शुरू हो चुकी है.
किसान पाठशाला से किसानों को क्या फायदा होगा?किसान पाठशाला किसानों को सीधी, व्यवहारिक और लाभकारी जानकारी देगी जैसे…
खेती की नई तकनीकटिश्यू कल्चर, स्मार्ट खेती, उन्नत बीज और आधुनिक कृषि उपकरणों का उपयोग.
लागत कम, मुनाफा ज्यादाकम लागत में अधिक उत्पादन पाने के नए तरीके.
सरकारी योजनाओं की जानकारी60% अनुदान पर सोलर पंप40-50% अनुदान पर कृषि यंत्रपीएम किसान सम्मान निधिदलहन-तिलहन योजनाएंआरकेवीवाई के लाभ
सफल किसानों से सीखहर ब्लॉक में चयनित प्रगतिशील किसान अपने अनुभव साझा करेंगे.
प्रतियोगिताएं और पुरस्कारकिसान पाठशाल अभियान के तहत किसानों के बीच प्रतियोगिताएं भी कराई जाएगी. हर गोष्ठी में 500 रुपए तक की धनराशि से जैव कीटनाशी, कवकनाशी और सब्जी बीज पुरस्कार के रूप में दिए जाएंगे.
योगी सरकार की बड़ी पहलमुख्यमंत्री योगी 12 दिसंबर को दौलतपुर में प्रगति किसान सम्मेलन के दौरान सीधे किसानों से संवाद करेंगे और लाभार्थियों को चेक/स्वीकृति पत्र भी वितरित करेंगे. कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही व राज्यमंत्री बलदेव सिंह औलख भी मौजूद रहेंगे.
कृषि बदलाव का मॉडल
बाराबंकी के प्रगतिशील किसान पद्मश्री रामशरण वर्मा उन्नत खेती का एक स्थापित मॉडल हैं. 32 साल पहले उन्होंने 6 एकड़ से खेती शुरू की थी, जो आज सहकारिता आधारित बटाई मॉडल पर 275 एकड़ तक पहुंच चुकी है. केला, टमाटर, मेंथा, तरबूज, आलू जैसी लाभकारी फसलों के चक्र पर आधारित खेती से उत्पादन और लाभ में बढ़ोतरी हुई है. वे बताते हैं कि टमाटर की खेती में 60 हजार की लागत पर 2-2.5 लाख तक लाभ संभव है. टमाटर उत्पादन को मिले सरकारी प्रोत्साहन ने 50 प्रतिशत की वृद्धि सुनिश्चित की है. छोटे किसान जो पहले 20-25 हजार कमाते थे, वे अब डेढ़ से दो लाख रुपये वार्षिक आय कर रहे हैं.
योगी सरकार के कृषि सुधार और किसान हितैषी कदम25,423 करोड़ का ऋण मोचन90,669 करोड़ रुपये पीएम किसान के तहत सीधे किसानों कोमृदा परीक्षण, उर्वरक, कृषि रक्षा रसायन, बीज, बाजार और विपणन सहायताकृषि यंत्रों पर रियायतफसलों के दाम का डीबीटी से त्वरित भुगतान
किसान पाठशाला कहां होगी?पैक्स सोसायटीकिसान कल्याण केंद्रकृषि विज्ञान केंद्रप्राथमिक विद्यालय
हर विकासखंड में 4 प्रमुख फसलों और 5 प्रगतिशील किसानों के आधार पर पाठशालाएं आयोजित होंगी.

