नई रिसर्च में पाया गया है कि अनचाही नींद की बीमारी (स्लीप एपिना) के इलाज न करने से पार्किंसंस रोग का खतरा बढ़ जाता है। एक नए अध्ययन से पता चला है कि स्लीप एपिना के इलाज न करने से पार्किंसंस रोग का खतरा बढ़ जाता है। यह बीमारी एक गंभीर संज्ञानात्मक विकार है जो मस्तिष्क के कुछ हिस्सों को प्रभावित करता है।
इस अध्ययन के अनुसार, जिन लोगों को स्लीप एपिना है, उनमें पार्किंसंस रोग का खतरा 30% अधिक होता है। यह बीमारी मस्तिष्क के कुछ हिस्सों को प्रभावित करती है और इससे व्यक्ति की चलने-फिरने और बोलने की क्षमता प्रभावित हो सकती है।
स्लीप एपिना के लक्षणों में सोने के दौरान सांस लेने में समस्या, सोने के दौरान गहरी सांस लेने की समस्या, और सोने के दौरान चीखने-चिल्लाने की समस्या शामिल हैं। यदि आपको इनमें से कोई भी लक्षण है, तो आपको अपने डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।
डॉक्टरों का कहना है कि स्लीप एपिना के इलाज के लिए कई विकल्प उपलब्ध हैं। इनमें से कुछ विकल्पों में नींद की मशीन, ऑर्थोडॉन्टिक उपकरण, और दवाएं शामिल हैं। यदि आपको स्लीप एपिना है, तो आपको अपने डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए और उनकी सलाह का पालन करना चाहिए।
निष्कर्ष: स्लीप एपिना एक गंभीर स्वास्थ्य समस्या है जो पार्किंसंस रोग का खतरा बढ़ा सकती है। यदि आपको स्लीप एपिना के लक्षण हैं, तो आपको अपने डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए और उनकी सलाह का पालन करना चाहिए।

