अमरूद की खेती करने वाले किसानों के लिए एक छोटी-सी तकनीक कई बार उनकी पैदावार को दोगुना कर सकती है. यह तकनीक है निपिंग यानी कोमल शीर्ष शाखाओं की हल्की कटिंग. अमरूद के पौधे को नई शाखाएं बनाने के लिए प्रेरित करती है, जिससे फल ज्यादा, बेहतर और बड़े आकार के बनते हैं.
अमरूद के पौधों की कटाई साल में दो बार करनी चाहिए. पहली कटाई जनवरी-फरवरी के बीच की जाती है, जबकि दूसरी कटाई बरसात खत्म होने के बाद सितंबर-अक्टूबर में होती है. गर्मी में की गई कटाई से बरसात के दौरान नई कलियां निकलती हैं, जो सर्दियों में बढ़िया फल देती हैं. वहीं बरसात के बाद की छंटाई अगले सीजन में ज्यादा पैदावार लाती है.
सही तरीके से की गई निपिंग और छंटाई के कई बड़े फायदे होते हैं. इससे पौधे में नई शाखाएं तेजी से निकलती हैं, जिससे फल की संख्या बढ़ जाती है. पौधे में रोशनी और हवा का संतुलन बना रहता है, जिससे कीट और रोगों का खतरा कम होता है. फल आकार में बड़े, मीठे और बेहतर गुणवत्ता वाले बनते हैं, जिससे बाजार में अच्छी कीमत मिलती है और किसान को अधिक लाभ होता है.

