भारतीय रेलवे ट्रेनों में बेवजह चेन पुलिंग करने वालों के खिलाफ अभियान चला रहा है और इन पर सख्त कार्रवाई की जा रही है. उत्तर मध्य रेलवे के झांसी डिवीजन द्वारा 1 अप्रैल से 15 नवंबर तक चलाए गए विशेष अभियान में 1603 यात्रियों को पकड़ा गया, जिन्होंने कोई सही वजह नहीं बताई. इनसे कुल 4,79,470 रुपये की पेनल्टी जमा हुई.
रेल सुरक्षा बल और वाणिज्य विभाग की संयुक्त टीमों ने ट्रेनों में औचक चेकिंग की. जो यात्री बिना वजह चेन खींचते पाए गए, उन्हें तुरंत गिरफ्तार कर रेलवे एक्ट की संबंधित धाराओं में केस दर्ज किया गया. ज्यादातर मामलों में लोग छोटे-मोटे स्टेशन पर उतरने, अपने साथियों को चढ़ाने-उतारने या सिगरेट पीने के लिए चेन खींचते थे.
डीआरएम अनिरुद्ध कुमार ने कहा कि बेवजह चेन पुलिंग से एक ट्रेन कम से कम 20-30 मिनट लेट हो जाती है. इससे पूरी लाइन की दूसरी ट्रेनें प्रभावित होती हैं, ईंधन बर्बाद होता है और सुरक्षा को भी खतरा रहता है. हमने जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाई है. झांसी मंडल में दिल्ली-मुंबई, दिल्ली-चेन्नई मुख्य लाइन के अलावा झांसी-कानपुर, झांसी-ग्वालियर, झांसी-माणिकपुर, ललितपुर-बीना जैसे व्यस्त रूट हैं. यहां रोज सैकड़ों मेल-एक्सप्रेस और मालगाड़ियां गुजरती हैं. एक भी अनावश्यक चेन पुलिंग से घंटों का चेन रिएक्शन शुरू हो जाता है.
रेलवे ने साफ चेतावनी दी है कि आगे भी ऐसे मामलों में कोई नरमी नहीं बरती जाएगी. दोषी पाए जाने पर तुरंत गिरफ्तारी और कम से कम 1000 रुपये तक का जुर्माना अनिवार्य है. कुछ मामलों में 6 महीने तक की जेल भी हो सकती है. रेल प्रशासन ने सभी यात्रियों से अपील की है कि अलार्म चेन सिर्फ असली आपातकाल (बीमारी, आग, दुर्घटना) में ही खींचें. बेवजह खींचने से न सिर्फ आप परेशानी में पड़ते हैं, बल्कि हजारों सहयात्रियों का कीमती समय बर्बाद होता है. अब हर कोच में सीसीटीवी फुटेज भी चेक की जा रही है, ताकि चेन खींचने वाला कोई बच न सके.

