उत्तर प्रदेश के कानपुर में मनरेगा के तहत बड़ा भ्रष्टाचार सामने आया है. यहां के बिल्हौर विकासखंड की सैबसू ग्राम पंचायत में कई काम जमीनी स्तर पर हुए ही नहीं, फिर भी सरकारी कागजों में उन्हें पूरा दिखा दिया गया है. इसके बाद अफसर साहिबा ने तुरंत जांच शुरू कर दी और कई कामों को अधूरा पाया. जांच में सामने आया कि कुल 20 लाख 58 हजार 614 रुपये का दुरुपयोग किया गया था. इसी आधार पर मुख्य आरोपियों पर एफआईआर दर्ज कराने के निर्देश दिए गए और सभी 15 संबंधित अफसरों से मिलीभगत और लापरवाही के चलते राशि की वसूली के आदेश भी जारी किए गए.
जांच समिति ने अपनी रिपोर्ट में कई कामों को अधूरा दिखाया. इसमें सामने आया कि कई काम जमीनी स्तर पर हुए ही नहीं, फिर भी सरकारी कागजों में उन्हें पूरा दिखा दिया गया है. इसके बाद सीडीओ दीक्षा जैन ने ग्राम प्रधान, तत्कालीन ग्राम सचिवों और तकनीकी सहायकों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने के आदेश दिए. साथ ही 15 अधिकारियों-कर्मचारियों पर वसूली की जिम्मेदारी तय की गई.
किससे कितनी वसूली होगी उसकी पूरी सूची निम्नलिखित है:
नाम पद/भूमिका वसूली की राशि (₹)
विमलेश कुमार ग्राम प्रधान 6,86,205
संदीप ज्ञानवीर तत्कालीन ग्राम सचिव 69,596
शिवपाल ग्राम सचिव 4,99,385
रोहन कनौजिया ग्राम सचिव 1,78,824
इन्द्र कुमार तत्कालीन तकनीकी सहायक 69,596
प्रमोद कुमार तकनीकी सहायक 6,78,209
शिवनारायण कश्यप तत्कालीन बीडीओ 37,000
आशीष मिश्र तत्कालीन बीडीओ 14,600
बलराम तत्कालीन बीडीओ 13,000
शिशिर कुमार अतिरिक्त कार्यक्रम अधिकारी 9,000
दीप सिंह अतिरिक्त कार्यक्रम अधिकारी 34,400
प्रीति अग्निहोत्री अतिरिक्त कार्यक्रम अधिकारी 20,200
देवेन्द्र शर्मा लेखाकार 62,600
प्रदीप तिवारी लेखा सहायक 1,000
ललित कुमार कंप्यूटर ऑपरेटर 1,000
सीडीओ दीक्षा जैन ने कहा कि मनरेगा के कामों में पारदर्शिता बेहद जरूरी है. अब अन्य विकासखंडों में भी इसी तरह की जांच कराई जाएगी. यदि कहीं भी लापरवाही या भ्रष्टाचार की बात सामने आती है तो संबंधित अधिकारियों और ग्राम प्रधानों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी. उन्होंने स्पष्ट कहा कि सरकारी बजट जमीन पर दिखना चाहिए, कागजों में नहीं.

