धान बेचने जा रहे हैं सरकारी क्रय केंद्र? तो जान लें ये 2 जरूरी बातें!
उत्तर प्रदेश के कई जिलों में धान की कटाई हो चुकी है और किसान अब अपनी उपज को सरकारी क्रय केंद्रों पर बेचने की तैयारी में जुटे हैं। लेकिन कई किसानों को एक बड़ी समस्या का सामना करना पड़ रहा है। गौरतलब है कि किसानों का आरोप है कि क्रय केंद्रों पर धान ले जाने के बाद विभिन्न कारणों से उनकी ट्रॉली वापस लौटा दी जा रही है। इससे न केवल किसानों का समय बर्बाद हो रहा है, बल्कि भाड़ा, मजदूरी और धान लादने-उतारने का अतिरिक्त खर्च भी बढ़ रहा है।
अगर आप भी अपना धान बेचने के लिए क्रय केंद्र जा रहे हैं, तो कुछ जरूरी बातों का ध्यान रखना बेहद आवश्यक है। इन नियमों की अनदेखी करने पर आपका धान भी वापस लौटाया जा सकता है। इसलिए क्रय केंद्र जाने से पहले अपनी फसल को तैयार कर लें और जरूरी दस्तावेज साथ रखें।
ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन है जरूरी
सरकारी क्रय केंद्रों पर धान बेचने के लिए सबसे पहला और जरूरी कदम ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन है। बिना रजिस्ट्रेशन के कोई भी किसान केंद्र पर अपनी फसल नहीं बेच सकता। इसके लिए किसान अपने मोबाइल या कंप्यूटर से, या फिर नजदीकी जन सुविधा केंद्र से खाद्य विभाग की वेबसाइट fcs.up.gov.in पर रजिस्ट्रेशन कर सकते हैं। रजिस्ट्रेशन का बड़ा फायदा यह है कि धान बेचने के बाद आपकी उपज का पूरा भुगतान सीधा आपके बैंक खाते में भेज दिया जाता है। ध्यान रखें कि आपका बैंक खाता आधार से लिंक होना अनिवार्य है, वरना भुगतान अटक सकता है।
नमी का रखें खास ध्यान
अक्सर किसान जब धान क्रय केंद्र तक पहुंचाते हैं, तो उसमें नमी पाई जाती है। नमी अधिक होने पर केंद्र पर भुगतान में कटौती की जाती है या कई बार धान पूरी तरह वापस लौटा दिया जाता है। ऐसे हालात से बचने के लिए धान ले जाने से पहले उसकी नमी जरूर जांच लें। अगर धान में नमी है, तो उसे कम से कम 2–3 दिनों तक तेज धूप में फैलाकर सुखाएं, बीच-बीच में उसे उलटते-पलटते रहें। इससे नमी सही स्तर तक कम हो जाएगी और आपका धान आसानी से खरीद के योग्य हो जाएगा।
इसलिए, किसानों से अनुरोध है कि वे क्रय केंद्र जाने से पहले इन दो जरूरी बातों का ध्यान रखें और अपनी फसल को सही तरीके से तैयार करें। इससे न केवल आपका समय बचेगा, बल्कि आपकी फसल भी आसानी से बिकेगी और भुगतान बिना किसी समस्या के मिल जाएगा।

