ग्रेटर नोएडा के इकोटेक-III क्षेत्र में स्थित मायचा गांव को तीन साल पहले ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने स्मार्ट विलेज के रूप में विकसित करने की घोषणा की थी, लेकिन आज गांव की स्थिति इस दावे के बिल्कुल विपरीत है. स्मार्ट विलेज का सपना कागज़ों में ही सिमट गया है, जबकि जमीनी हकीकत किसी उपेक्षित ग्रामीण इलाके से भी बदतर दिखाई देती है. गांव में गंदगी, जलभराव, जाम नालियां, टूटी सड़कें और अव्यवस्थित व्यवस्थाओं ने लोगों का जीना मुश्किल कर दिया है.
गांव के निवासी हरिंदर भाटी बताते हैं कि स्मार्ट विलेज का टैग मिलने के बाद उम्मीदें बढ़ गई थीं, लेकिन हालात पहले से भी ज्यादा खराब हो गए. नालियां महीनों से भरी पड़ी हैं, सड़कों पर हमेशा पानी जमा रहता है और चारों ओर गंदगी के ढेर लगे रहते हैं. कई बार प्राधिकरण में शिकायत करने के बाद भी कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया. केवल औपचारिक कार्रवाई और कागज़ी कार्यवाही होती रहती है.
बढ़ा बीमारियों का खतरा निवासी योगेंद्र भाटी बताते हैं कि नालियों व सीवर की समस्या कभी हल नहीं हुई. गांव में आज तक पानी की सप्लाई भी शुरू नहीं हुई है. जलभराव के कारण मच्छरों का प्रकोप बढ़ चुका है, जिससे बीमारियों का खतरा बना हुआ है. उनका कहना है कि नाम स्मार्ट विलेज का दे दिया, लेकिन तीन साल में एक भी स्मार्ट काम नहीं दिखा. सफाई कर्मचारी आते ही नहीं हैं.
सिर्फ दावा बना घोषणा अभय भाटी बताते हैं कि मायचा गांव को प्राधिकरण का पहला स्मार्ट विलेज बताया गया था, लेकिन यह दावा सिर्फ घोषणा बनकर रह गया. कई बार ट्वीट कर शिकायत की गई, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला. जहां कूड़ा फैला है, वहां बच्चों के लिए पार्क बन सकता था. प्राधिकरण ने लाइब्रेरी और पार्क निर्माण का वादा किया था, लेकिन अब तक एक ईंट भी नहीं लगी. वहीं प्रवीण का कहना है कि पूरे गांव में कूड़ा-करकट और कबाड़ फैला हुआ है. नालियां हमेशा जाम रहती हैं और साफ-सफाई सिर्फ नाम मात्र की होती है. वहीं सुनील भाटी बताते हैं कि सफाई कर्मचारी सिर्फ फोटो खींचकर चले जाते हैं, असल सफाई कभी नहीं होती. टूटी सड़कों के कारण आए दिन लोग गिरकर घायल हो जाते हैं.
जांच के बाद होगी कार्रवाई इस मामले पर ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के महाप्रबंधक आर.के. भारती का कहना है कि नालियों से जुड़ी समस्या की जानकारी उन्हें पहले नहीं मिली थी. उन्होंने आश्वासन दिया कि जांच कराई जाएगी और जल्द ही आवश्यक कार्रवाई करते हुए समस्याओं का समाधान किया जाएगा.

