जम्मू-कश्मीर के श्री माता वैष्णो देवी इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल एजुकेशन (एसएमवीडीआईएमई) में प्रवेश के मुद्दे पर विवाद बढ़ता जा रहा है। यहां के बीजेपी प्रतिनिधिमंडल ने आरोप लगाया है कि यहां के चिकित्सा महाविद्यालय में प्रवेश की प्रक्रिया धार्मिक आधार पर हो रही है। बीजेपी के नेता सुनील शर्मा ने कहा कि यहां के स्थानीय निवासियों को प्रवेश की वर्तमान प्रक्रिया स्वीकार नहीं है। उन्होंने कहा कि यहां के छात्रों के लिए प्रवेश की प्रक्रिया में धार्मिक आधार पर भी विचार किया जाना चाहिए।
शर्मा ने कहा कि यहां के चिकित्सा महाविद्यालय का उद्देश्य धार्मिक और सांस्कृतिक विकास के लिए है, और यहां के दानदाताओं की भक्ति और समर्पण को प्रदर्शित करना है। उन्होंने कहा कि यहां के दानदाताओं की अपेक्षा है कि उनका दान धार्मिक और सांस्कृतिक विकास के लिए उपयोग किया जाएगा।
लेकिन अधिकारियों का कहना है कि यहां के प्रवेश की प्रक्रिया पूरी तरह से मेरिट-आधारित है, और यहां के चिकित्सा महाविद्यालय को अल्पसंख्यक स्थिति नहीं दी गई है, इसलिए यहां के प्रवेश में धार्मिक आधार पर आरक्षण नहीं दिया जा सकता है।
इस मुद्दे पर यहां के स्थानीय निवासियों ने प्रदर्शन किया है, और उन्होंने कहा है कि यहां के प्रवेश की प्रक्रिया में धार्मिक आधार पर भेदभाव हो रहा है। उन्होंने कहा है कि यहां के प्रवेश की प्रक्रिया में सुधार की आवश्यकता है, और यहां के नियमों को बदलने की आवश्यकता है ताकि यहां के छात्रों को धार्मिक आधार पर आरक्षण मिल सके।
यहां के बीजेपी प्रतिनिधिमंडल ने कहा है कि यहां के प्रवेश की प्रक्रिया में सुधार की आवश्यकता है, और यहां के नियमों को बदलने की आवश्यकता है ताकि यहां के छात्रों को धार्मिक आधार पर आरक्षण मिल सके।

