अयोध्या की वैश्विक पहचान और मजबूत होगी 25 नवंबर को राम मंदिर ध्वजारोहण से
अयोध्या: राम नगरी में 25 नवंबर को श्रीराम जन्मभूमि मंदिर परिसर में होने जा रहे ऐतिहासिक ध्वजारोहण समारोह को लेकर पूरे देश और दुनिया की नजर अयोध्या पर टिकी है. सूर्यदेव की प्रतीकात्मक आकृति से सुशोभित इस विशेष ‘राम मंदिर ध्वज’ को मंदिर के मुख्य शिखर पर फहराया जाएगा, जिससे पूरे कार्यक्रम की आध्यात्मिक भव्यता और बढ़ जाएगी. इस आयोजन को अयोध्या की धार्मिक ही नहीं, बल्कि आर्थिक उड़ान से भी जोड़कर देखा जा रहा है.
जनवरी से जून 2025 के बीच रिकॉर्ड 23 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं ने अयोध्या पहुंचकर दर्शन किए. अनुमान है कि दिसंबर 2025 के अंत तक यह आंकड़ा 50 करोड़ के पार जा सकता है. बढ़ते फुटफॉल का सीधा असर उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था पर दिख रहा है. पर्यटन से कारोबार में तेज़ी आई है और साल 2025 में अयोध्या से होने वाली आर्थिक गतिविधियों का मूल्यांकन 4 लाख करोड़ तक पहुंचने का अनुमान है.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की 2029 तक 1 ट्रिलियन डॉलर अर्थव्यवस्था बनाने की योजना में अयोध्या एक बड़ा स्तंभ बनकर उभर रहा है. वर्तमान में अयोध्या यूपी के GSDP में 1.5% योगदान देती है, जो आने वाले वर्षों में कई गुना बढ़ने की संभावना है. अब तक 2,150 करोड़ से अधिक राशि राम मंदिर और उससे जुड़ी विकास परियोजनाओं पर खर्च की जा चुकी है.
अयोध्या में आतिथ्य क्षेत्र में बड़ा बूम देखने को मिल रहा है. शहर में 76 नए होटल खुल चुके हैं, जबकि IHCL, Marriott, Radisson और Lemon Tree जैसी बड़ी होटल चेन लगातार निवेश बढ़ा रही हैं. उत्तर प्रदेश पर्यटन उद्योग 2028 तक ₹70,000 करोड़ का आकार लेने जा रहा है, जिसमें अकेले अयोध्या 25% से अधिक योगदान देगी. मंदिर-आधारित गतिविधियाँ पहले ही ₹1.25 लाख करोड़ से अधिक की आर्थिक गति पैदा कर चुकी हैं.
दीपोत्सव के रिकॉर्ड तोड़ने के बाद अब माना जा रहा है कि राम मंदिर ध्वजारोहण समारोह नए कीर्तिमान स्थापित करेगा. इससे स्थानीय रोजगार, छोटे व्यवसाय, कारीगरों और ट्रैवल सेक्टर को और बड़ा लाभ होगा. अयोध्या धार्मिक ही नहीं, बल्कि आर्थिक शक्ति के रूप में भी तेज़ी से उभर रही है.

