भारतीय सेना की रैम डिविजन ने सैन्य अभ्यास ‘रैम प्रहार’ का सफल आयोजन किया
मेरठः भारतीय सेना की खड़ग कोर के अंतर्गत आने वाली रैम डिविजन ने एक्सरसाइज ‘रैम प्रहार’ का सफलतापूर्वक आयोजन किया. लेफ्टिनेंट जनरल मनोज कुमार कटियार, जीओसी–इन–सी, पश्चिमी कमांड, ने हरिद्वार में अभ्यास के समापन पर सैन्य अभ्यास का निरीक्षण किया. यह एक प्रमुख एकीकृत सशस्त्र सेना एवं सेवाओं का युद्धाभ्यास था, जो भारतीय सेना के आधुनिक, अनुकूलनशील, तेजी और तकनीक-सक्षमता की दिशा में उठाया गया महत्वपूर्ण कदम है. इस अभ्यास ने सेना की परिचालनिक तेजी, बहु-क्षेत्रीय क्षमताओं तथा भूमि, वायु और साइबर सभी क्षेत्रों में वास्तविक समय में निर्णय लेने की क्षमता में वृद्धि की है. वर्तमान संवेदनशील क्षेत्रीय सुरक्षा परिस्थितियों को देखते हुए यह सैन्य तैयारी, प्रतिरोधक और रणनीतिक दृढ़ शक्ति को रेखांकित करता है.
अभ्यास से पहले, रैम डिविजन ने विभिन्न युद्धाभ्यास ड्रिल्स और टैक्टिक्स, टेक्नीक एवं प्रोसीजर (TTPs) का सत्यापन किया. अभ्यास के दौरान क्वचित सेना, पैदल सेना, इंजीनियर तथा आर्मी एविएशन के द्वारा गतिशील युद्धक्षेत्र में समन्वय के साथ अभियान संचालित किया गया. अत्याधुनिक उपकरणों का उपयोग, ISR (इंटेलिजेंस, सर्विलांस और रिकॉनिसेंस) एकीकरण, AI आधारित निर्णय सहायता तंत्र तथा नेटवर्क-सक्षम कमांड एवं कंट्रोल सिस्टम के प्रयोग ने यह दर्शाया कि भारतीय सेना जटिल और तकनीक-प्रधान युद्धक्षेत्रों में विजय प्राप्त करने की सेना की क्षमता रखती है.
आर्मी कमांडर एमके कटियार ने कहा, “युद्ध की तस्वीर बदल रही है. चुनौतियां बदल रही है. क्षेत्र बदल रहे हैं. युद्ध कई फलक पर लड़े जाएंगे. लेकिन जीते जमीन पर ही जाएंगे और जब तक हम जमीन पर कब्जा नहीं करेंगे तब तक पाकिस्तान मानेगा नहीं कि हम जीत गए है. उन्होंने वर्ष 1965 और 1971 का युद्ध का जिक्र करते हुए यह बातें कही.
भारतीय सेना लगातार अपने युद्ध क्षमताओं की धार बढ़ाने में लगी हुई है. इसी के अंतर्गत पश्चिमी कमान के तहत मेरठ छावनी स्थित चार्जिंग रैम डिवीजन ने उत्तराखंड की वादियों में रैम प्रहार युद्ध अभ्यास किया. करीब एक महीने तक चले युद्ध अभ्यास के बाद सैनिकों का मनोबल बढ़ाने पहुंचे पश्चिमी कमान के आर्मी कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल एमके कटियार ने सैन्य अभ्यास का निरीक्षण किया.

