सर्दियों की दस्तक के साथ बढ़ता है हार्ट पेशेंट्स में स्ट्रोक का खतरा
सर्दियों की दस्तक के साथ ही हार्ट पेशेंट्स में स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है, खासकर नवंबर-दिसंबर के दौरान जब तापमान तेज़ी से गिरता है. ठंड के मौसम में कई कारण हार्ट अटैक और स्ट्रोक के जोखिम को बढ़ा देते हैं, जो विशेषज्ञों के अनुसार बड़ी समस्या है. सबसे बड़ी वजह यह है कि सर्दी में शरीर का थर्मो-रेगुलेशन प्रभावित हो जाता है, खासकर बुज़ुर्गों और हार्ट के मरीजों में.
ठंड के मौसम में शरीर का थर्मो-रेगुलेशन प्रभावित होने से रक्त वाहिकाएं सिकुड़ जाती हैं, जिससे हार्ट के मरीजों में रक्त प्रवाह कम हो जाता है. इससे हार्ट को अधिक काम करना पड़ता है, जिससे हार्ट अटैक और स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है. इसके अलावा, ठंड के मौसम में शरीर में ऑक्सीजन की मात्रा कम हो जाती है, जिससे हार्ट के मरीजों में ऑक्सीजन की कमी हो सकती है और स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है.
विशेषज्ञों के अनुसार, ठंड के मौसम में हार्ट के मरीजों को विशेष सावधानी बरतनी चाहिए. उन्हें गर्म कपड़े पहनने चाहिए, नियमित व्यायाम करना चाहिए और स्वस्थ आहार लेना चाहिए. इसके अलावा, उन्हें अपने डॉक्टर से नियमित जांच करवानी चाहिए और किसी भी लक्षण के लिए तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए.
सर्दियों के मौसम में हार्ट के मरीजों को स्ट्रोक और हार्ट अटैक से बचने के लिए कई उपाय अपनाने चाहिए. उन्हें अपने डॉक्टर की सलाह का पालन करना चाहिए और नियमित जांच करवानी चाहिए. इसके अलावा, उन्हें स्वस्थ आहार लेना चाहिए, नियमित व्यायाम करना चाहिए और गर्म कपड़े पहनने चाहिए.

