उत्तर प्रदेश के महराजगंज जिले में एक प्राचीन बरगद का पेड़ है, जो अपनी विशालता और प्राकृतिक भव्यता के कारण लोगों को खूब पसंद आता है. इस वट वृक्ष के उम्र को लेकर अलग-अलग लोगों में अलग-अलग तरह की चर्चाएं होती रहती हैं. स्थानीय लोग इस जनपद के प्राकृतिक धरोहर के रूप में विशेष सम्मान देते हैं और इसके साथ ही इसकी छाया में लोग बैठकर शांति का अनुभव करते हैं।
जिले के चौक क्षेत्र के सोनाडी खास में स्थित इस बात वृक्ष के बारे में ऐसा कहा जाता है कि यह महाभारत काल के समय से ही यहां मौजूद है. लोगों की आस्था ने इस विशालकाय वट वृक्ष को एक अलग तरह का महत्व प्रदान किया. इसके साथ ही स्थानीय लोग इसे आध्यात्मिक की दृष्टि से भी देखते हैं और यह मानता किसी और भी प्रसिद्ध बनाती है.
इस वट वृक्ष की अलग-अलग शाखाएं इतनी ज्यादा लंबी दूरी तक फैली है कि इसे देखने पर एक बगीचे जैसा दिखाई देता है. इसकी जड़ इतनी चौड़ी है कि इस पर से लटकती हुई शाखाएं इसे प्राकृतिक रूप से बहुत ही सुंदर बनाती है. जो लोग इसे देखने के लिए आते हैं वह इसके विशालता को देखकर हैरान रह जाते हैं. स्थानी लोगों से ऐतिहासिक विरासत के रूप में सहेज कर रखने की आवश्यकता पर जोर देते हैं।
इस वट वृक्ष के सामने ही एक बोर्ड लगा हुआ है जो इसकी यह ऐतिहासिकता के बारे में जानकारी देता है. इस वट वृक्ष के छांव में ही एक प्राचीन मंदिर भी है जो इसके विशालकाय शाखों से घिरा हुआ है और देखने में भी बेहद आकर्षक लगता है. इसको संरक्षित करने के लिए जहां-जहां इसकी शाखाएं अलग पेड़ का रूप ले चुकी है उनको चारदीवारी बनाकर संरक्षित किया गया है और बैठने के लिए भी बनाया गया है.
जिले के चौक क्षेत्र का यह विशाल वट वृक्ष पर्यटकों को और प्रकृति प्रेमियों के लिए बेहद खास है. महाराजगंज जिले से ही नहीं बल्कि दूर-दूर से लोग इसकी विशाल संरचना को देखने के लिए आते हैं और इसके जड़ और शाखों की फैलाव को देखकर दंग रह जाते हैं. बहुत से लोग यहां आकर इसकी सुंदरता को अपने कैमरे में कैद भी करते हैं.

