झांसी के इस ऐतिहासिक ताल की बदलेगी सूरत, आधुनिक सुविधाओं से होगा लैस
झांसी का ऐतिहासिक लक्ष्मीताल वीरांगना लक्ष्मीबाई से जुड़ा महत्वपूर्ण स्थल है, जहां वह घुड़सवारी और रणनीति बनाती थीं। स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत 75 एकड़ तालाब का 39.49 करोड़ से सौंदर्यीकरण हो रहा है। समतलीकरण, बोटिंग, लाइटिंग और रानी की प्रतिमा सहित कार्य अंतिम चरण में हैं।
झांसी का ऐतिहासिक लक्ष्मीताल अपने आप में सांस्कृतिक, धार्मिक और ऐतिहासिक महत्व रखता है, लेकिन इस तालाब की पहचान महारानी लक्ष्मीबाई से जुड़े प्रसंगों के कारण और भी विशेष हो जाती है। माना जाता है कि वीरांगना लक्ष्मीबाई अपने समय में इस ताल के आसपास घुड़सवारी का अभ्यास करती थीं और कई सैन्य रणनीतियां यहीं बैठकर तैयार करती थीं। वहीं रानी लक्ष्मीबाई लक्ष्मीताल में स्नान भी करती थीं। यही कारण है कि समय के साथ यह तालाब लक्ष्मीबाई की स्मृतियों से गहराई से जुड़ गया और झांसीवासियों के लिए गर्व का प्रतीक बन गया।
लक्ष्मीताल केवल एक जलस्रोत नहीं, बल्कि रानी की ऐतिहासिक विरासत का महत्वपूर्ण हिस्सा रहा है। यहां के अनेक प्रसंग लोककथाओं और इतिहासकारों के लेखनों में दर्ज हैं। रानी की वीरता और उनकी युद्धनीतियों का उल्लेख करते समय लक्ष्मीताल का जिक्र अक्सर सामने आता है। यह तालाब उनके साधारण जीवन, अनुशासन और सैन्य तैयारियों का मौन साक्षी रहा है।
स्मार्ट सिटी के तहत विश्वस्तरीय स्वरूप
झांसी स्मार्ट सिटी परियोजना के अंतर्गत लक्ष्मीताल को विश्वस्तरीय पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किए जाने का काम तेजी से चल रहा है। लगभग 75 एकड़ क्षेत्र में फैले इस तालाब को आधुनिक सुविधाओं से लैस करने के लिए वर्ष 2021 में 39.49 करोड़ रुपये का बजट स्वीकृत किया गया था। इसके अंतर्गत तालाब के समतलीकरण, सफाई, बोटिंग सुविधा, बाउंड्री वॉल, पाथवे, आधुनिक लाइटिंग, फव्वारे, बागवानी, शौचालय और बैठने की व्यवस्थाओं जैसे कार्य शामिल हैं। इसके अलावा तालाब के मध्य में महारानी लक्ष्मीबाई की भव्य प्रतिमा स्थापित किए जाने की भी योजना है, जिससे यह स्थल पर्यटन का प्रमुख केंद्र बन सके।
काम अंतिम चरण में, बढ़ेगा पर्यटन
साल 2021 में ताल की गंदगी हटाने और अवैध कब्जे मिटाने का अभियान चलाया गया। कुछ संरचनाओं को हटाने के लिए ASI से अनुमति भी ली गई। वर्तमान में लक्ष्मीताल का सौंदर्यीकरण अंतिम चरण में है। स्मार्ट सिटी अधिकारियों के अनुसार, कार्य पूरा होते ही लक्ष्मीताल अपने ऐतिहासिक स्वरूप को आधुनिक सुविधाओं के साथ प्रदर्शित करेगा। इससे झांसी में पर्यटन को बड़ा बढ़ावा मिलेगा और यह स्थान स्थानीय लोगों के साथ-साथ देश-विदेश के पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र बनेगा।

