Last Updated:November 19, 2025, 09:29 ISTAyodhya News: मानव जीवन पर वास्तु शास्त्र का विशेष महत्व माना जाता है. कहा जाता है अगर व्यक्ति वास्तु के अनुसार कुछ नियमों का पालन करें, तो उसके जीवन में कई तरह परिवर्तन भी देखने को मिलते हैं. ऐसी स्थिति में रोटी बनाने वाले तवे का किस ग्रह से संबंध है. क्या कहता है वास्तु शास्त्र आइए जानते हैं. वास्तु शास्त्र के अनुसार रोटी बनाने वाले तांवे का संबंध मंगल ग्रह से है. मंगल ग्रह को ज्योतिष शास्त्र में ऊर्जा, रक्त ,अग्नि और रसोई का स्वामी माना जाता है. ऐसी स्थिति में तवे की स्थिति सामग्री और रखरखाव से घर में कई तरह अशुभ परिणाम भी देखने को मिलते हैं, तो इसके लिए वास्तु के कुछ नियमों का पालन आवश्यक करना चाहिए. इसके बारे में पंडित कल्कि राम विस्तार से बताते हैं. वास्तु शास्त्र के अनुसार पंडित कल्कि राम बताते हैं कि वास्तु के अनुसार लोहे का तवा बेहद शुभ माना जाता है. कभी भी चूल्हे अथवा गैस पर खाली तवा नहीं चढ़ाना चाहिए. क्योंकि ऐसा करने से मंगल ग्रह क्रोधित होते हैं जिससे घर में कलह उत्पन्न होती है . हमेशा तवे पर घी अथवा तेल लगाकर ही चूल्हे या फिर गैस पर चढ़ाना चाहिए. धर्म के जानकार बताते हैं कि तावे पर बनी पहली रोटी गाय अथवा आखिरी रोटी किसी कुत्ते को देना चाहिए. ऐसा करने से मंगल दोष शांत होता है. Add News18 as Preferred Source on Google इसके अलावा तावे को इस्तेमाल करने के बाद कभी भी उल्टा नहीं रखना चाहिए .ऐसा करने से घर में नकारात्मकता बढ़ती है. धन की हानि होती है. ऐसी स्थिति में रात में तवे को धोकर साफ कर ही रखें . ऐसा करने से मंगल की चल रही विपरीत दिशा से मुक्ति मिलती है. वास्तु शास्त्र के अनुसार इटावा हमेशा रसोई के दक्षिण पूर्व में ही रखना चाहिए उत्तर पूर्व या फिर ईशान कोण में रखने से मंगल और गुरु में टकराव उत्पन्न होता है ऐसी स्थिति में इस बात का विशेष ध्यान रखेंन्यूज़18 को गूगल पर अपने पसंदीदा समाचार स्रोत के रूप में जोड़ने के लिए यहां क्लिक करें।First Published :November 19, 2025, 09:29 ISThomeastroरसोई का तवा भी बदल सकता है भाग्य, जानिए रोटी बनाते समय ध्यान रखने वाली बातें
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