गाजीपुर. चुकंदर एक ऐसी सब्ज़ी है जिसमें कई ज़रूरी विटामिन और मिनरल्स पाए जाते हैं. USDA (यूनाइटेड स्टेट्स डिपार्टमेंट ऑफ एग्रीकल्चर) के अनुसार, इसमें फोलिक एसिड और विटामिन C की अच्छी मात्रा होती है. विटामिन A, B-कॉम्प्लेक्स, और कई महत्त्वपूर्ण खनिज, कैल्शियम, मैग्नीशियम, फास्फोरस, पोटेशियम, आयरन, कॉपर, जिंक, मैंगनीज और सेलेनियम भी पाए जाते हैं. यही वजह है कि चुकंदर को न्यूट्रिएंट-डेंस सब्ज़ी कहा जाता है. गाजीपुर के हॉर्टिकल्चर विशेषज्ञ शुभम कुमार तिवारी बताते हैं कि चुकंदर में मौजूद नाइट्रेट्स रक्त वाहिनियों को रिलैक्स करते हैं, जिससे ब्लड प्रेशर नियंत्रित रहता है और हार्ट डिज़ीज़ का खतरा कम होता है. इसका फाइबर पाचन तंत्र मजबूत करता है और आंतों की सेहत बनाए रखता है.
इसके एंटीऑक्सीडेंट लिवर को डिटॉक्स करते हैं और शरीर से टॉक्सिन्स बाहर निकालते हैं. कम कैलोरी और ज्यादा फाइबर की वजह से यह वजन घटाने में भी प्रभावी है. आयरन हीमोग्लोबिन बढ़ाता है और कैल्शियम-मिनरल्स हड्डियों और मसल्स को मजबूत रखते हैं. नेचुरल शुगर तुरंत एनर्जी बूस्ट देती है.
इनके लिए खास
शुभम तिवारी के अनुसार, लो BP वाले लोगों के लिए यह फायदेमंद है. एथलीट्स और जिम करने वालों को तुरंत एनर्जी देता है. एनीमिया वाले लोगों को नियमित सेवन से बड़ा लाभ. चुकंदर को सामान्य दिनों में रोज़ाना छोटी मात्रा (¼–½ कप) में खाया जा सकता है. गर्मियों में शरीर को ठंडा करने वाला होने के कारण इसे सीमित मात्रा में लेना चाहिए. किडनी स्टोन वाले लोग इसे कम मात्रा में खाएं.
डाइट में कैसे
चुकंदर को कई आसान तरीकों से खाया जा सकता है, जैसे सलाद, उबालकर/भूनकर, ताज़ा जूस, सब्ज़ी, अचार, स्मूदी, सूप, सॉस या ओटमील के रूप में. हॉर्टिकल्चर विशेषज्ञ शुभम तिवारी बताते हैं कि दोनों ही रूप ये फायदेमंद हैं, लेकिन जूस हमेशा ताज़ा होना चाहिए. अधिक मात्रा में जूस लेने से कुछ लोगों में बिटूरिया (लाल रंग की पेशाब) दिख सकती है, जो हानिकारक नहीं है. गहरे लाल रंग वाली किस्मों में एंटीऑक्सीडेंट मात्रा ज्यादा होती है. खेतों में उगाई जाने वाली चुकंदर की कई वैराइटी आहार के लिए बेहद पौष्टिक हैं.

