Last Updated:November 18, 2025, 19:10 ISTMaharajganj News: छोटू गिरी नागा बाबा अपने खास और अलग वेशभूषा के लिए जाने जाते हैं. लोगों के बीच उनके माथे पर सजा भारी भरकम पगड़ी खूब चर्चा में रहता है. आपको जानकर हैरानी होगी कि दस किलो से भी ज्यादा वजन का यह पगड़ी हमेशा इनके सिर पर बंधा रहता है.महाराजगंज: हमारा देश भारत संतो की परंपराओं वाला देश है, जहां बहुत से ऐसे संत हुए हैं, जिन्होंने अपने अध्यात्म के तप, अभ्यास और त्याग से इतिहास में अपनी पहचान बनाई है. यूपी के महाराजगंज जिले में भी एक ऐसे ही संत हैं, जिन्होंने अपने तप, संयम और अभ्यास से एक अनूठा उदाहरण पेश किया है.
छोटू गिरी नागा बाबा अपने खास और अलग वेशभूषा के लिए जाने जाते हैं. लोगों के बीच उनके माथे पर सजा भारी भरकम पगड़ी खूब चर्चा में रहता है. आपको जानकर हैरानी होगी कि दस किलो से भी ज्यादा वजन का यह पगड़ी हमेशा इनके सिर पर बंधा रहता है. बचपन में ही इन्होंने अपने घर और परिवार का त्याग कर दिया था और तब से लेकर आज तक अलग-अलग जगह पर विचरण करते रहते हैं.
बचपन में ही छोड़ दिया घर-परिवार
छोटू गिरी नागा बाबा ने लोकल 18 से बातचीत के दौरान बताया कि उन्होंने बहुत ही कम उम्र में अपना घर छोड़ दिया था और परिवार के मोह माया से निकल गए थे. महाराजगंज जिले के चौक क्षेत्र के हरपुर में उनका जन्म हुआ, लेकिन बहुत ही कम उम्र उन्होंने अपने जन्म स्थान पर बिताया.
उन्होंने बताया कि यह पगड़ी वह सुबह चार बजे से लेकर रात में जब तक वह सोने नहीं जाते हैं, तब तक बांधे रखते हैं और इसे लेकर ही वह दिनभर चलते हैं. अपने सिर पर भारी भरकम पगड़ी लेकर चलने वाले छोटू गिरी नागा बाबा अपनी इस पगड़ी को ताज कहते हैं और बहुत ही सम्मान की दृष्टि से देखते हैं.
मौसम की मार से भी नहीं डरते हैं बाबा
छोटू गिरी नागा बाबा की बात करें तो उन्हें ज्यादातर पैदल चलते या फिर साइकिल से चलते हुए अलग-अलग जगह पर देखा जाता है. सर्दी के समय में कड़कती ठंड हो या फिर गर्मी के मौसम में झुलसती हुई धूप या फिर बरसात हो, वह हर एक मौसम में अपनी साधना को बनाए रखते हैं. उनकी खास तप के अनुशासन और हठयोग ने उन्हें हअपनी यह अलग पहचान दिलाई है. यह बाबा जी न सिर्फ हठयोगी हैं, बल्कि योग कला में भी इन्हें महारत हासिल है और अलग-अलग योगासन कर घंटे तक एक आसन में रह सकते हैं.आर्यन सेठआर्यन ने नई दिल्ली के जामिया मिलिया इस्लामिया से पत्रकारिता की पढ़ाई की और एबीपी में काम किया. उसके बाद नेटवर्क 18 के Local 18 से जुड़ गए.आर्यन ने नई दिल्ली के जामिया मिलिया इस्लामिया से पत्रकारिता की पढ़ाई की और एबीपी में काम किया. उसके बाद नेटवर्क 18 के Local 18 से जुड़ गए. न्यूज़18 को गूगल पर अपने पसंदीदा समाचार स्रोत के रूप में जोड़ने के लिए यहां क्लिक करें।Location :Maharajganj,Mahrajganj,Uttar PradeshFirst Published :November 18, 2025, 19:10 ISThomeuttar-pradeshइस बाबा की पगड़ी देख बड़े-बड़े रह जाते हैं दंग, सुबह से लेकर रात कर करते धारण

