Uttar Pradesh

मथुरा पुलिस का कारनामा, चंद पैसे के लिए लिख दी फर्जी F.I.R, जांच में हुआ खुलासा

मथुरा: आपकी सेवा में सदैव तत्पर रहने वाली पुलिस कब आपके खिलाफ फर्जी मुकदमा दर्ज कर दे यह कहा नहीं जा सकता. निर्दोष को कब अपराधी बना दे यह भी सोच नहीं सकते. एक ऐसे ही फर्जी मुकदमे के बारे में हम आपको बताएंगे. फर्जी मुकदमे के साथ-साथ कैसे मथुरा पुलिस ने रस्सी का सांप बना दिया और पीड़ितों को धमकाने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी. यह सब हुआ महालक्ष्मी की कृपा से. महालक्ष्मी की कृपा यानी पैसा सब कुछ कर देता है. आइये, सुनते हैं. फर्जी F.I.R की कहानी पीड़ितों की जुबानी.

यूपी पुलिस कहीं ना कहीं किसी न किसी मामले को लेकर चर्चाओं में रहती है. कहीं वह पुलिस अपना कर्तव्य बखूबी निभाती है, तो कहीं कर्तव्य से परे हटकर पीड़ितों को ही आरोपी बना देती है. या यूं कहें की पैसे और रसूकदारों के सामने पुलिस का ईमान कमजोर पड़ जाता है. ऐसा ही एक किस्सा महोली रोड स्थित रमनलाल शोरावाला पब्लिक स्कूल के संचालक का सामने आया है. पैसे के बल पर पीड़ितों को ही आरोपी बनवा दिया और पुलिस से सांठ-गांठ कर फर्जी मुक़दमा लिख दिया.

बता दें कि मथुरा के थाना शहर कोतवाली क्षेत्र के अंतर्गत महोली रोड स्थित रमनलाल शोरावाला पब्लिक स्कूल के संचालक अभिषेक गोयल ने स्कूल के पांच लोगों के ऊपर यह आरोप लगाया था कि 21.4.2025 दिन सोमवार को उनके घर से उक्त लोग आये. घर में खड़ी बाइक को लेकर गए. गाली गलौज की.

घटना के 5 महीने बाद यानी 17.09.2025 को एक मुकदमा लिखाया गया. इसमें 21.4. 2025 के दिन हुई घटना का जिक्र किया गया. पुलिस ने बिना सबूत की जांच किए हुए पांच लोगों के खिलाफ घर से बाइक चोरी करने और गाली गलौज करने का मुकदमा दर्ज कर लिया. स्कूल संचालक अभिषेक गोयल ने स्कूल के इन पांच लोगों के ऊपर आरोप लगाए थे, उनमें मीनू शर्मा, हरीश शर्मा, आराधना श्रीवास्तव, गौरव चतुर्वेदी और शालिनी अग्रवाल हैं.

पुलिस ने इन सभी को थाने बुलाया और दरोगा अरविंद इन्हें धमकाने के बाद जेल भिजवाने की बात कहीं. ऐसा स्कूल स्टाफ के इन पांचो लोगों का आरोप है. अभिषेक गोयल के घर में लगे सीसीटीवी कैमरे और सुरक्षा कर्मी भी बाइक चोरी करने और गाली गलौज करने के सबूत नहीं दे पाए. लोगों का कहना है की जो घटना हुई नहीं उस घटना को फर्जी लिखकर मुकदमा दर्ज कर दिया गया है. इनमें से आराधना रीड की हड्डी की पेशेंट हैं.

वहीं शालिनी कैंसर पीडित हैं. हरिश ब्रेन स्ट्रोक के मरीज हैं. यह लोग परेशान हैं. एसपी सिटी आशना चौधरी ने इन सभी लोगों की लोकेशन निकलवाई तो वह लोकेशन घटना वाली जगह पर नहीं मिली. यह घटना सत्य होने के कारण निवर्तमान चौकी प्रभारी बाग़ बहादुर अरविंद को झूठी एफआईआर लिखने के लिए एसपी की पेशी में पेश होने के लिए आदेश किए हैं.

पुलिस चौकी इंचार्ज के सामने पीड़िता को मिली थी गोली से उड़ने की धमकी अब जरा उन पीड़ितों की जुबानी भी उसे झूठी एफआईआर की कहानी भी सुन लीजिए. पीड़िता मीनू शर्मा ने लोकल 18 से बातचीत के दौरान, जो बातें लोकल 18 को सुनाईं वह चौकाने वाली थीं. उन्होंने बताया कि जिस दिन या घटना हुई उसे दिन में स्कूल में ही थी और स्कूल के डायरेक्टर अभिषेक गोयल ने मुझे 10 दिन की छुट्टी पर रहने की बात कही उन्होंने अपने ही हाथों से एक लेटर बनाया कि तुम 10 दिन की छुट्टी लेकर चले जाइए. जिस समय की घटना है.

उस समय स्कूल में मौजूद थी. जिन अन्य चार लोगों को फर्जी मुकदमे में आरोपी बनाया गया है, वह सभी अपने घरों पर थे. मोबाइल लोकेशन से या खुलासा हुआ है. उन्होंने मथुरा की एसपी सिटी आशना चौधरी को धन्यवाद दिया कि उनकी पीड़ा सुनकर कौन है फर्जी मुकदमे में से निकाला. मीनू शर्मा ने लोकल 18 से बातचीत के दौरान कई ऐसे कुलसी भी किया जो रमनलाल पब्लिक स्कूल की व्यवस्था पर सवालिया निशान खड़े करते हैं.

मीनू शर्मा ने बताया कि प्रभात भाटी, हिमेश सारस्वत, आरके शर्मा, जैसे लोग उस स्कूल में पढ़ने वाली बच्चियों के ऊपर गंदी नजर रखते हैं. ऐसे लोगों को स्कूल से बाहर ही नहीं चौराहे पर खड़ा करके जूते मारने चाहिए. उन्होंने यह भी बताया कि रमनलाल पब्लिक स्कूल के संचालक अभिषेक गोयल के पिता वीरेंद्र गोयल ने भी पुलिस के सामने सारी हदें पार कर दी. पन्ना पोखर चौकी इंचार्ज राहुल चौधरी के सामने गोली मारने तक की धमकी मुझे दी. पुलिस मूक दर्शक बनकर खड़ी रही.

स्कूल में माहौल खराब होने की शिकायत करने पर टीचरों को दिखा दिया जाता है, बाहर का रास्तालोकल 18 से बातचीत के दौरान रमन लाल शोरावाला पब्लिक स्कूल के पूर्व टीचर गौरव चतुर्वेदी ने भी स्कूल और स्कूल के प्रिंसिपल और वाइस प्रिंसिपल के अलावा कई लोगों पर गंभीर आरोप लगाए हैं. उन्होंने बताया कि स्कूल विद्या का मंदिर होता है, लेकिन बेटियों पर बुरी नजर यहां कार्यरत कई लोग डालते हैं.

स्कूल में माहौल खराब होने की अगर कोई भी स्टाफ शिकायत कर देता है तो स्कूल के डायरेक्टर अभिषेक गोयल उसे टीचर को स्कूल से निकाल देते हैं और उन्हें मानसिक प्रताड़ित करते हैं. गौरव चतुर्वेदी ने यह भी बताया कि जो मुकदमा फर्जी लिखाया गया है, जिस घटना का जिक्र उस फर्जी मुकदमे में किया गया है, इस तरह की कोई घटना आज तक हुई ही नहीं है.

हम सभी पांच लोगों को लगातार पुलिस और वकीलों के माध्यम से धमकियां दिलवाई जा रही हैं. सभी लोग हम यह अपील करते हैं कि हमारे ऊपर जो फर्जी मुकदमे लिखाये गए हैं. उनकी सही तरह से जांच हो जाए, तो दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा.

संतोष जनक जवाब नहीं दे पाए पूर्व बाग बहादुर चौकी इंचार्ज अरविंदलोकल 18 के रिपोर्टर ने पूर्व बाग बहादुर चौकी इंचार्ज अरविंद से उक्त मामले की जानकारी फोन पर करनी चाहिए, तो उन्होंने कहा कि मुझे जो इंस्पेक्टर साहब ने आदेश दिया था, उस आदेश का पालन किया. जो विवेचना मुझे मिली थी उस विवेचना के आधार पर मुकदमा दर्ज हुआ. जब उनसे यह सवाल किया गया कि आपके द्वारा फर्जी मुकदमा लिखाये जाने के आरोपी को आप किस तरह से देखते हैं, तो उन्होंने कहा कि पुलिस पर सवाल कोई भी खड़ी करता है. पुलिस पर आरोप लगते रहते हैं.

लोकल 18 के रिपोर्टर ने जब उनसे कहा कि उक्त मामले की कोई सीसीटीवी फुटेज या कोई ऑडियो रिकॉर्डिंग है, तो उपलब्ध करा दीजिए तो उन्होंने इतना सुनते ही फोन काट दिया.

स्कूल संचालक ने कहा- पुलिस का मामला है, पुलिस अपने तरीके से कर रही है जांच  रमन लाल शोरावाला पब्लिक स्कूल के संचालक अभिषेक गोयल को लोकल 18 के रिपोर्टर ने फोन लगाकर उनका पक्ष जानने की कोशिश की, तो अभिषेक गोयल ने कहा कि पुलिस का मामला है. पुलिस मामले की जांच कर रही है. रिपोर्टर ने जब उनसे फोन पर यह सवाल किया कि आपने फर्जी मुकदमा दर्ज कराया है, तो उन्होंने कितना सुना और उनके मन में सन्नाटा छा गया.

अगले पल ही कॉल को डिस्कनेक्ट कर दिया. अब सवाल खड़ा यह होता है कि अगर मामला सच्चा था और घटना उनके घर पर आकर हुई थी, तो आखिर उस मामले पर स्कूल संचालक बोलने को क्यों? तैयार नहीं है. पीड़ितों के खिलाफ फर्जी मुकदमा लिखवाया तो उन्होंने ऐसा क्यों? किया. मथुरा की सीओ सिटी आशना चौधरी को जब उनकी सरकारी नंबर पर कॉल किया, तो उनका कोई रिस्पांस नहीं मिला.

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