Uttar Pradesh

अयोध्या की गुलाबबाड़ी…. जानिए कैसे नवाब शुजाउदौला ने बनवाया था अपना भव्य मकबरा और बाग़, देखिए फोटो

Last Updated:November 17, 2025, 21:49 ISTअयोध्या: धर्म की नगरी अयोध्या में आज भी कई ऐतिहासिक और पौराणिक इमारतें देखी जा सकती हैं. इनमें से एक है मुगल कालीन निर्माण, फैजाबाद अयोध्या की गुलाब बाड़ी. आइए जानते हैं इस प्राचीन और खूबसूरत परिसर की दिलचस्प कहानी. अयोध्या जनपद के नगर कोतवाली क्षेत्र के पास गुलाब बड़ी की कहानी काफी पुरानी और ऐतिहासिक है. इस इमारत का निर्माण अवध के तीसरे नवाब शुजाउदौला ने हजारों वर्ष पहले करवाया था. इमारत के भीतर आज भी शुजाउदौला के वालिद की कब्र मौजूद है, जो इसकी ऐतिहासिक महत्ता को दर्शाती है. गुलाब बड़ी की खासियत यह है कि शुजाउदौला ने अपने जीवनकाल में ही इस इमारत के परिसर में अपना मकबरा बनवाया था. यही कारण है कि यह परिसर ऐतिहासिक रूप से “गुलाब बाड़ी” के नाम से प्रसिद्ध है. गुलाब बाड़ी परिसर अपनी प्राचीन और ऐतिहासिक पहचान के साथ-साथ बागवानी की खूबसूरती के लिए भी जाना जाता है. यहां बड़ी संख्या में गुलाब के पौधे और रंग-बिरंगे फूल परिसर की शोभा बढ़ाते हैं. Add News18 as Preferred Source on Google गुलाब बाड़ी परिसर में इमारत के चारों ओर खूबसूरत गुलाबों की बागवानी की गई है. यहां लाल, गुलाबी, पीले, सफेद और यहां तक कि काले रंग के गुलाब की विभिन्न प्रजातियां देखने को मिलती हैं, जो अपनी सुंदरता से हर आगंतुक को आकर्षित करती हैं. जब गुलाब बाड़ी में फूल खिलते हैं, तो उनकी खूबसूरती हर आने वाले पर्यटक का मन मोह लेती है. हजारों पर्यटक अयोध्या आने पर यहां पहुंचते हैं और इस रंग-बिरंगे नज़ारे को अपने मोबाइल में कैद करते हैं. गुलाबबाड़ी परिसर चारों ओर से परकोटे से घिरा हुआ है और इसका निर्माण लखौरी ईटों से किया गया है, जिसे चूने के मसाले से पलस्तर और अलंकृत किया गया है. परकोटे के अंदर नवाब शुजा-उद्-दौला के मकबरे के अलावा एक मस्जिद, इमामबाड़ा, शाही हमाम और बारादरी भी मौजूद हैं. परिसर के भीतर स्थित मकबरे का निर्माण नवाब शुजा-उद्-दौला ने अपने शासनकाल में करवाया था, जिसमें एक भव्य प्रवेश द्वार भी है.न्यूज़18 को गूगल पर अपने पसंदीदा समाचार स्रोत के रूप में जोड़ने के लिए यहां क्लिक करें।First Published :November 17, 2025, 21:49 ISThomeuttar-pradeshशाही इमारत और परकोटे के भीतर छिपे मंदिर, मस्जिद और इमामबाड़ा की अनकही कहानी

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