सहारनपुर : सहारनपुर के नवादा रोड की हालत इन दिनों इतनी खराब हो चुकी है कि इसे मुख्य सड़क कहना भी मुश्किल लगता है. कभी साफ-सुथरा और समतल दिखने वाला यह रास्ता आज बदहाली के आंसू बहा रहा है. यहां आसपास के घरों से निकलने वाला गंदा पानी नालियों में जाने के बजाय सीधे सड़क पर बह रहा है, जिससे पूरा मार्ग कीचड़ और बदबू का अड्डा बन गया है. स्थानीय लोगों का कहना है कि यह स्थिति कोई एक-दो दिन की नहीं, बल्कि पिछले एक महीने से लगातार बनी हुई है, बावजूद इसके जिम्मेदार विभागों की तरफ से अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है.
यह सड़क केवल एक कॉलोनी को जोड़ने वाला रास्ता नहीं है, बल्कि शहर के कई क्षेत्रों से होते हुए सीधे नवादा गांव और आगे बाईपास तक जाता है. रोजाना हजारों लोग इस रास्ते का उपयोग करते हैं, जिसमें ऑफिस जाने वाले कर्मचारी, स्कूल-कॉलेज के विद्यार्थी, दुकानदारी करने वाले लोग और छोटे वाहन चालक शामिल हैं. लेकिन कीचड़ और गंदे पानी से लोगों का गुजरना मजबूरी बन चुका है. रात के समय यह स्थिति और भयावह हो जाती है, क्योंकि कम रोशनी में पानी भरे गड्ढे नजर भी नहीं आते और कई लोग हादसे का शिकार हो चुके हैं.
गड्ढों से गाड़ी का बैलेंस बिगड़ना तयस्थानीय निवासी अमित कुमार बताते हैं कि वह सामान लेकर दूसरे रास्ते से आए थे और सोचा कि वापसी नवादा रोड से कर लेंगे. लेकिन जैसे ही इस सड़क पर पहुंचे, हालत देखकर हैरान रह गए. सड़क पर बड़े-बड़े गड्ढे, ऊपर से गंदे पानी की मोटी परत. ऐसे में गाड़ी का बैलेंस बिगड़ना तय है. कई बाइक सवार तो पानी के बीच गिरने की कगार पर दिख रहे थे. वे पहले भी इस रोड पर आए थे, उस समय सड़क बिल्कुल ठीक थी, लेकिन आज स्थिति इतनी खराब है कि रिक्शा या बाइक पलटने का डर हर कदम पर बना रहता है.
बदहाल हुई जन्नत जैसी सड़कविक्रम बताते हैं कि नवादा रोड की दुर्दशा को एक महीना हो चुका है और इसे ‘तालाब’ कहना भी गलत नहीं होगा. लगभग आधा किलोमीटर लंबे इस हिस्से में लगातार पानी भरा हुआ है. पहले यह रोड जन्नत जैसा था, लेकिन अब हालात पूरी तरह बदल चुके हैं. सरकार की ओर से अभी तक कोई उम्मीद नहीं दिख रही कि सड़क जल्द सुधारी जाएगी, क्योंकि मौजूदा स्थिति यह संकेत दे रही है कि अगर कुछ दिन और यह हाल रहा, तो गड्ढे और बड़े हो जाएंगे.
सीवर लाइन बना जंजालएक अन्य निवासी संदीप बताते हैं कि समस्या की जड़ हाल ही में की गई सीवर लाइन की खुदाई है. उनके अनुसार, जब से सीवर लाइन डाली गई है, तब से नालों का पानी सही ढंग से प्लांट तक नहीं पहुंचता और उल्टा सड़क पर इकट्ठा हो जाता है. इसके कारण पूरे सड़क पर कीचड़, गंदगी और बदबू फैल गई है. संदीप का कहना है कि रोज़ इस रास्ते से निकलना उनकी मजबूरी है, लेकिन गिरने का डर हमेशा बना रहता है. कई बार शिकायतें दर्ज कराई गई हैं, लेकिन नतीजा शून्य है.
गाड़ियों के साइलेंसर में भर जाता है पानीरोशन लाल बताते हैं कि वह बाइक से इस मार्ग से आ रहे थे, लेकिन रास्ता इतना खराब था कि बाइक बार-बार डगमगा रही थी. कई लोग यहां गिर चुके हैं और घायल भी हुए हैं. दो दिन पहले ही उनके एक साथी के दोनों पैरों में चोट लग गई. सड़क पर भरा पानी इतना गहरा है कि कई वाहनों के साइलेंसर तक में पानी भर जाता है.

