Uttar Pradesh

लखनऊ समाचार: दिल्ली धमाके से पहले डॉ परवेज अंसारी ने क्यों छोड़ी नौकरी? अब खुफिया एजेंसियों की रडार पर लखनऊ की यह विश्वविद्यालय

दिल्ली धमाके के बाद लखनऊ की यह यूनिवर्सिटी खुफिया एजेंसी के रडार पर

दिल्ली के लाल किले के पास हुए बम धमाकों की जांच तेजी से आगे बढ़ रही है, जिसमें अब उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ की इंटीग्रल यूनिवर्सिटी भी खुफिया एजेंसियों के रडार पर आ गई है. फरीदाबाद की अल फलाह यूनिवर्सिटी से जुड़े आतंकी नेटवर्क के बाद अब इंटीग्रल यूनिवर्सिटी पर भी संदेह के बादल मंडरा रहे हैं. एजेंसियों को शक है कि इस यूनिवर्सिटी से भी पूरे आतंकी मॉड्यूल का कनेक्शन हो सकता है।

दरअसल, फरीदाबाद से गिरफ्तार जैश की लेडी कमांडर डॉ शाहीन शाहिद के भाई डॉ परवेज अंसारी इंटीग्रल यूनिवर्सिटी के मेडिसिन डिपार्टमेंट में सीनियर रेजिडेंट के तौर पर 2021 से पढ़ा रहे थे. दिल्ली धमाके के सात दिन पहले, यानी 6 नवंबर को उन्होंने अचानक इस्तीफा दे दिया और गायब हो गए थे. बाद जम्मू कश्मीर पुलिस और यूपी ATS ने उन्हें गिरफ्तार किया. एजेंसियों को शक है कि डॉ परवेज यह कदम किसी बड़ी साजिश का हिस्सा हो सकता है. दिल्ली ब्लास्ट से पहले दोनों भाई-बहन के बीच लगातार संपर्क में रहने की बात सामने आई है, और शक है कि शाहीन के इशारों पर ही परवेज काम कर रहा था।

परवेज अंसारी के घर रेड एंटी टेररिस्ट स्क्वायड (ATS) और जम्मू-कश्मीर पुलिस की संयुक्त टीमों ने मंगलवार को लखनऊ में परवेज के मड़ियांव स्थित घर पर छापेमारी की. वहां से लैपटॉप, मोबाइल फोन, हार्ड ड्राइव और महत्वपूर्ण दस्तावेज बरामद किए गए. परवेज की कार पर इंटीग्रल यूनिवर्सिटी का पार्किंग पास लगा मिला, जिसे एजेंसियां संदिग्ध मान रही हैं. पूछताछ में पता चला कि परवेज को धमाके की पूरी जानकारी पहले से थी, और वह एक बड़े आतंकी नेटवर्क से जुड़ा हुआ था. ATS अब परवेज के संपर्कों की तह तक पहुंचने की कोशिश कर रही है. खुफिया एजेंसियों को शक है कि यूनिवर्सिटी में भी परवेज के कुछ साथी हो सकते हैं।

इंटीग्रल यूनिवर्सिटी शक के दायरे में खुफिया सूत्रों ने बताया कि परवेज का इस नेटवर्क से गहरा कनेक्शन था, जो जैश-ए-मोहम्मद (JeM) और अन्य पाकिस्तान स्थित संगठनों से जुड़ा माना जा रहा है. फरीदाबाद के अल फलाह यूनिवर्सिटी से 2,900 किलोग्राम से ज्यादा विस्फोटक सामग्री बरामद होने के बाद वहां के डॉक्टरों की गिरफ्तारी ने पूरे ‘व्हाइट-कॉलर टेरर’ तंत्र को उजागर किया था. अब इंटीग्रल यूनिवर्सिटी पर भी वैसी ही आशंका है कि कहीं यहां भी रेडिकलाइज्ड प्रोफेशनल्स का कोई जाल तो नहीं सक्रिय।

यूनिवर्सिटी ने नहीं दिया कोई बयान इंटीग्रल यूनिवर्सिटी प्रशासन ने अभी तक इस मामले पर कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है, लेकिन सूत्र बताते हैं कि एजेंसियां यूनिवर्सिटी कैंपस में भी पूछताछ शुरू कर सकती हैं. दिल्ली धमाके में 10 लोगों की मौत और 20 से ज्यादा घायल होने के बाद पूरे देश में सुरक्षा एजेंसियां हाई अलर्ट पर हैं. यह मामला अब चार राज्यों—जम्मू-कश्मीर, हरियाणा, दिल्ली और उत्तर प्रदेश—में फैले नेटवर्क की ओर इशारा कर रहा है, जहां शिक्षित पेशेवरों को निशाना बनाकर साजिश रची जा रही है.

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