पलामू क्षेत्र के आईजी शैलेंद्र कुमार सिन्हा ने कहा, “यह आत्मसमर्पण पुलिस और स्थानीय समुदायों के संयुक्त प्रयासों का परिणाम है। यह क्षेत्र में शांति बहाल करने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है।”
आईजी ने इस अवसर पर कहा कि पलामू जिले में महत्वपूर्ण बदलाव हुए हैं और पुलिस लगातार अपने mission में सफलता प्राप्त कर रही है। उन्होंने कहा कि जिले में शांति बहाल करने के लिए पुलिस और स्थानीय समुदायों के बीच मिलकर काम करना आवश्यक है।
पुलिस अधिकारियों का मानना है कि यह आत्मसमर्पण राज्य की आत्मसमर्पण और पुनर्वास नीति के प्रभाव को दर्शाता है, जिसका उद्देश्य विद्रोहियों को मुख्यधारा में reintegrate करना और झारखंड में माओवादी प्रभाव को कम करना है। इस नीति के तहत, विद्रोहियों को शांतिपूर्ण तरीके से आत्मसमर्पण करने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है और उन्हें पुनर्वास के अवसर प्रदान किए जाते हैं।
पुलिस अधिकारियों का कहना है कि यह आत्मसमर्पण एक महत्वपूर्ण कदम है और यह क्षेत्र में शांति बहाल करने के लिए एक महत्वपूर्ण प्रयास है। उन्होंने कहा कि पुलिस और स्थानीय समुदायों के बीच मिलकर काम करने से क्षेत्र में शांति बहाल करने में मदद मिलेगी।
इस वर्ष तक, झारखंड में कुल 21 माओवादी पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर चुके हैं। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि यह आत्मसमर्पण राज्य की आत्मसमर्पण और पुनर्वास नीति के प्रभाव को दर्शाता है और यह क्षेत्र में शांति बहाल करने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है।
पुलिस अधिकारियों ने कहा कि पलामू जिले में शांति बहाल करने के लिए पुलिस और स्थानीय समुदायों के बीच मिलकर काम करना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि पुलिस और स्थानीय समुदायों के बीच मिलकर काम करने से क्षेत्र में शांति बहाल करने में मदद मिलेगी।

