गैस और एसिडिटी की परेशानी ठंड-गर्म मौसम या भारी, मसालेदार भोजन के बाद आम हो जाती है. सही पहचान और सही उपाय करने से ये समस्याएं घर पर ही आसानी से कम की जा सकती हैं. अगर पेट में अफारा या भारीपन हो तो अजवाइन और हल्का काला नमक, गुनगुने पानी के साथ राहत देते हैं, वहीं एसिडिटी में मिश्री और सौंफ का चूर्ण तुरंत आराम पहुंचाता है.
गैस और एसिडिटी की पहचान बहुत जरूरी है. डॉ. हर्ष, बी.ए.एम.एस., एम.डी. (आयास आयुर्वेदिक चिकित्सालय) के अनुसार, बहुत से लोग गैस और एसिडिटी की परेशानी को आपस में मिलाकर समझ लेते हैं. अक्सर लोग यह नहीं पहचान पाते कि वास्तव में उन्हें गैस है या एसिडिटी.
गैस की पहचान: खाना खाने के बाद पेट में भारीपन, फूलना, अफारा या अधिक डकार और फार्टिंग.
एसिडिटी की पहचान: गले या पेट में जलन, खट्टी डकारें, उल्टी का मन. एलोपैथी में दिए जाने वाले खाली पेट कैप्सूल (जैसे DSR) एसिडिटी में काम आते हैं, लेकिन गैस में असरदार नहीं हैं. इसलिए, सबसे पहले अपनी बीमारी को सही से पहचानें और आयुर्वेदिक चिकित्सक से सलाह लें.
गैस और एसिडिटी के लिए अलग-अलग उपाय जरूरी हैं. अगर आपको सीने में जलन महसूस हो या खाना खाने के बाद पेट फूलता है, तो ये संकेत हैं कि आपको एसिडिटी या गैस की परेशानी है. इन समस्याओं से राहत पाने के लिए एक पुराना देसी नुस्खा बहुत काम आता है.
गैस के लिए: खाना खाने के बाद आधा चम्मच अजवाइन, हल्का काला नमक, गुनगुना पानी. पित्त प्रवृत्ति वाले लोग अजवाइन से बचें; ऐसे लोग सौंफ या जीरे का पानी लें.
एसिडिटी के लिए: खाना खाने के बाद सौंफ, मिश्री का चूर्ण. यह जलन और खट्टी डकारों में राहत देता है.
संक्षेप में, गैस और एसिडिटी के लिए अलग-अलग उपाय जरूरी हैं. बीमारी को सही से समझें और फिर घरेलू नुस्खे या आयुर्वेदिक उपचार अपनाएं.

