कन्नौज जिले में बच्चों की शिक्षा में नई सोच और रुचि बढ़ाने के लिए बेसिक शिक्षा विभाग और यूनीसेफ के सहयोग से “ज्ञान का पिटारा” कार्यक्रम शुरू किया गया है। इस योजना से बच्चों को खेल, कहानी, चित्र और गतिविधियों के माध्यम से पढ़ाई में मज़ा आएगा, ड्रॉपआउट बच्चों को फिर से स्कूल से जोड़ा जाएगा।
कन्नौज जिले के परिषदीय स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को अब पढ़ाई के साथ-साथ नई सोच और नए अनुभवों से भरपूर शिक्षा मिलेगी। स्कूलों में बच्चों की रुचि बढ़ाने और ड्रॉपआउट बच्चों को दोबारा शिक्षा से जोड़ने के लिए कन्नौज बेसिक शिक्षा विभाग और यूनीसेफ के सहयोग से “ज्ञान का पिटारा” कार्यक्रम शुरू किया जा रहा है।
यह अभिनव पहल बच्चों में पढ़ाई के प्रति रुचि बढ़ाने के साथ-साथ सीखने में आने वाली कठिनाइयों को दूर करने में मदद करेगी। बेसिक शिक्षा अधिकारी के मार्गदर्शन में यह कार्यक्रम मिशन प्रेरणा और समग्र शिक्षा अभियान के तहत चलाया जा रहा है। इसमें बालक-बालिकाओं को खेल, कहानी, चित्र और गतिविधियों के माध्यम से शिक्षा दी जाएगी। बच्चों को नोटबुक, पेंसिल, रंग, चार्ट पेपर, लर्निंग कार्ड्स और अन्य शिक्षण सामग्री भी प्रदान की जाएगी।
“ज्ञान का पिटारा” किट के माध्यम से बच्चों को खेल-खेल में पढ़ाई देने की दिशा में बड़ा कदम उठाया गया है। किट में ऐसी सामग्रियां शामिल हैं, जिनसे बच्चे आसानी से अक्षरों, शब्दों और गणितीय अवधारणाओं को समझ सकेंगे।
बेसिक शिक्षा अधिकारी संदीप कुमार ने बताया कि इस पहल से स्कूलों में बच्चों की उपस्थिति बढ़ेगी और ड्रॉपआउट दर में कमी आएगी। उन्होंने कहा, “ज्ञान का पिटारा बच्चों के लिए पढ़ाई को आनंददायक बनाने का एक सशक्त माध्यम बनेगा। यह कार्यक्रम शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने की दिशा में मील का पत्थर साबित हो सकता है।”
शिक्षा विभाग को उम्मीद है कि आने वाले समय में यह मॉडल पूरे प्रदेश के परिषदीय स्कूलों में शिक्षा सुधार का आधार बनेगा और हर बच्चा स्कूल जाएगा। अब तक जिले में कुल 601 बच्चों की पहचान की जा चुकी है और आगे भी इस प्रयास को बढ़ाया जाएगा।

