शाहजहांपुर: सरकारी क्रय केंद्रों पर खरीद में देरी, अव्यवस्था और टोकन की समस्या से किसान परेशान हैं. गुरजीत सिंह को 4 दिन बाद टोकन मिला, पर तौल नहीं हुई. सतीश सिंह को टोकन नहीं मिला और बिचौलिए 1600-1700 में खरीद रहे हैं, जबकि MSP का वादा है. किसान आक्रोशित हैं और तत्काल खरीद में सुधार की मांग कर रहे हैं.
शाहजहांपुर के किसान अपनी उपज को एमएसपी से काफी कम दाम में औने-पौने दामों पर स्थानीय व्यापारियों को बेच रहे हैं. इससे किसानों को बड़ा आर्थिक नुकसान हो रहा है, जबकि एमएसपी की घोषणा सिर्फ कागजी बनकर रह गई है. इस गंभीर समस्या को लेकर किसानों में भारी आक्रोश है और वे तत्काल सरकारी खरीद प्रक्रिया में सुधार की मांग कर रहे हैं.
तिलहर क्षेत्र के दियाखेड़ा गांव के रहने वाले किसान गुरजीत सिंह ने बताया कि वह 29 अक्टूबर को धान की 75 क्विंटल फसल लेकर तिलहर मंडी पहुंचे थे, 4 दिन के बाद उनका 3 नवंबर को टोकन दिया गया लेकिन अभी तक उनकी धान की फसल की तौल नहीं हो पा रही है. लगातार टाल मटौल किया जा रहा है. वह एक से दूसरे और दूसरे से तीसरे के केंद्र पर कई दिन से चेक कर काट रहे हैं. लेकिन कोई भी केंद्र प्रभारी उनकी उपज को तौलने को तैयार नहीं है.
गुरजीत ने बताया कि अगर किसी अधिकारी से शिकायत की जाए तो केंद्र प्रभारी सीधे तौर पर उपज को रिजेक्ट करने से की धमकी देते हैं. इतना ही नहीं दिनभर केंद्र प्रभारी केंद्र को छोड़कर इधर-उधर घूमते रहते हैं और किसानों की सुनने वाला कोई नहीं.
ताहरपुर गांव के रहने वाले किसान सतीश सिंह ने बताया कि वह 7 नवंबर को अपनी धान की उपज लेकर तिलहर मंडी पहुंचे थे, लेकिन अभी तक उनको टोकन नहीं दिया गया, लगातार टालमटोल किया जा रहा है. उनसे सीधे तौर पर कहा जा रहा है कि वह क्रय केंद्र पर अपनी धान की उपज ने बेचकर बाहर बिचौलियों के हाथ होने पर दामों में बेच दें जबकि बाहर बाजार में धान की उपज को 1600 से 1700 प्रति क्विंटल के हिसाब से खरीदा जा रहा है. सतीश ने बताया कि उन्होंने जिलाधिकारी से भी शिकायत की है, उनको आश्वासन दिया गया है लेकिन अभी तक उनकी उपज तौली नहीं जा रही.
किसान सुरजीत सिंह ने बताया कि वह 6 नवंबर को धान की 130 क्विंटल उपज लेकर मंडी आए थे लेकिन मंडी सचिव द्वारा उनको टोकन नहीं दिया गया और अगले दिन आने की बात कही, जिसके बाद वह फिर अगले दिन ट्रैक्टर ट्राली से धान की फसल लेकर आए. लेकिन उन्हें अभी तक टोकन नहीं दिया गया है और रात के घने अंधेरे में मंडी में रहकर फसल की रखवाली करते हैं. वहीं दूसरी ओर बिचौलियों की ट्रॉली रात के अंधेरे में बिना टोकन के ही पलट ली जाती है. जिसका उनके पास वीडियो भी है. किसानों का कहना है कि उनकी उपज खरीदने की बजाय उनका धमकी दी जाती है कि ट्राली को मंडी से बाहर निकालो नहीं तो पुलिस बुलवा कर गिरफ्तार करा दिया जाएगा.

