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माताओं को सावधानी! पहले सर्दी में अपने शिशु की सेहत पर विशेष ध्यान दें – हिमाचल प्रदेश समाचार

सर्दियों के मौसम में बच्चों की देखभाल के लिए जरूरी सावधानियां

सर्दियों का मौसम जैसे-जैसे दस्तक देता है, छोटे बच्चों की देखभाल सबसे बड़ी जिम्मेदारी बन जाती है. खासकर उन शिशुओं के लिए जिनकी यह पहली ठंड होती है. इस मौसम में जरा सी लापरवाही भी बच्चे के स्वास्थ्य पर भारी पड़ सकती है. बाल रोग विशेषज्ञों का कहना है कि ठंड में नवजात या छोटे बच्चों को संक्रमण, खांसी-जुकाम, निमोनिया और सर्दी-जुकाम जैसी बीमारियों से बचाने के लिए माताओं को विशेष सावधानी रखनी चाहिए.

बच्चे के शरीर को तापमान के उतार-चढ़ाव को झेलने के लिए तैयार करना सबसे पहले ध्यान रखने वाली बात है. ऐसे में सबसे पहले ध्यान रखना चाहिए कि बच्चे को न तो बहुत ज़्यादा कपड़ों में लपेटें और न ही ठंडा रखें. ज़्यादा कपड़े पहनाने से बच्चे के शरीर में पसीना आ सकता है, जिससे ठंड लगने और सर्दी-जुकाम का खतरा बढ़ जाता है. इसलिए कपड़े उतने ही पहनाएं जितने की आवश्यकता हो, और मुलायम, सूती या ऊनी कपड़े का चयन करें.

इस मौसम में सबसे अहम बात है बच्चे को संक्रमण से बचाना. घर में आने-जाने वाले लोगों को पहले हाथ धोकर ही बच्चे को छूने की सलाह दी जाती है. अगर किसी को खांसी-जुकाम है तो वह बच्चे से दूरी बनाए रखें. कमरे में धूप का प्रवेश होना चाहिए. ताकि वातावरण स्वच्छ और गर्म रहे. दिन में कुछ देर बच्चे को हल्की धूप में रखना भी विटामिन D के लिए उपयोगी होता है, लेकिन सीधे तेज धूप से बचाएं.

खानपान को लेकर बाल रोग विशेषज्ञों का कहना है कि यदि बच्चा अभी दूध पीने की अवस्था में है तो मां को अपना आहार पौष्टिक रखना चाहिए, क्योंकि मां का दूध ही बच्चे की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में सबसे अहम भूमिका निभाता है. बड़ी उम्र के बच्चों को मौसमी फल और हल्के गर्म सूप दिए जा सकते हैं. ताकि शरीर को आवश्यक गर्मी और पोषण दोनों मिल सकें.

ठंड के मौसम में बच्चे को बार-बार नहलाने से भी बचना चाहिए. सप्ताह में दो या तीन बार गुनगुने पानी से नहलाना पर्याप्त होता है. इसके अलावा बच्चे के शरीर पर सरसों या नारियल के तेल से हल्की मालिश करनी चाहिए. ताकि रक्त संचार बेहतर हो और शरीर गर्म रहे.

बाल रोग विशेषज्ञों का कहना है कि ठंड में कमरे का तापमान संतुलित रखें, खिड़कियां खुली रखें ताकि ताज़ी हवा आती रहे, परंतु बच्चे को सीधी ठंडी हवा से बचाएं. अगर बच्चे को लगातार छींक, खांसी या बुखार की शिकायत हो तो घरेलू नुस्खों पर भरोसा न करें, बल्कि तुरंत बाल रोग विशेषज्ञ से संपर्क करें.

पहली सर्दी बच्चों के लिए चुनौतीपूर्ण होती है, लेकिन थोड़ी सी सावधानी, स्वच्छता और सही दिनचर्या से इस मौसम को सुरक्षित और सुखद बनाया जा सकता है. बाल रोग विशेषज्ञों की मानें तो “मां की सतर्कता ही बच्चे की पहली ढाल है”, इसलिए हर मां को चाहिए कि ठंड के मौसम में बच्चे के स्वास्थ्य और आराम दोनों का संतुलन बनाए रखे.

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