Uttar Pradesh

जनसामान्य की राय: बचपन से ही देशभक्ति की भावना पैदा होगी…यूपी के सभी स्कूलों में वंदे मातरम अनिवार्य होने पर युवा ने दिए अपने विचार

उत्तर प्रदेश के सभी शिक्षण संस्थानों में अब राष्ट्रगान के साथ-साथ राष्ट्रगीत वंदे मातरम का भी गायन अनिवार्य रूप से किया जाएगा. उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गोरखपुर की धरती से इस ऐलान को किया है. ऐसे में सोशल मीडिया के साथ-साथ प्रदेश में यह चर्चा का विषय बन गया है. इन्हीं बातों को देखते हुए हमने युवाओं से खास बातचीत की.

शासन की अच्छी पहल

चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय परिसर में अध्ययन करने वाले स्टूडेंट कृष्णा भाटिया ने उत्तर प्रदेश शासन की इस मुहिम की प्रशंसा की. उन्होंने कहा कि जब शिक्षण संस्थान में राष्ट्रगीत भी गाया जाएगा, तब राष्ट्रगीत के माध्यम से युवा देशभक्ति के विभिन्न पहलुओं से रूबरू हो सकेंगे. बचपन से ही उनमें देशभक्ति की इच्छा जागृत होगी. उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में देखने को मिलता है कि काफी ऐसे युवा होते हैं जिन्हें अपने राष्ट्रगीत के बारे में पता भी नहीं है. अब वह सभी राष्ट्रगीत के बारे में सिर्फ जान ही नहीं, बल्कि हर जगह अच्छे से गुनगुना भी पाएंगे.

राष्ट्रगीत के माध्यम से होंगे भारतीय परंपरा से रूबरू

इसी तरह से निधि ने कहा कि उत्तर प्रदेश शासन का यह कदम स्वागत योग्य है. क्योंकि जब प्रतिदिन शिक्षण संस्थानों में राष्ट्रगीत का गायन होगा, तो युवा अपनी भारतीय परंपरा, प्रकृति एवं देश की आजादी के विभिन्न पहलुओं को समझ पाएंगे. उन्होंने कहा कि जब भी राष्ट्रगीत हम गान करते हैं, तो अंदर से भी एक सुकून मिलता है. देश के प्रति कुछ करने का एक जुनून होता है. इससे विभिन्न शिक्षण संस्थान में अध्ययन करने वाले युवाओं को भी प्रेरणा मिलेगी.

वहीं प्रेरणा भारती कहती हैं, राष्ट्रगीत हमारे भारत का गौरवशाली इतिहास का वर्णन है. उन्होंने कहा कि जब युवा इसका गुणगान करेंगे, तो वह भारतीय परंपरा के साथ-साथ प्राकृतिक सौंदर्य के बारे में भी जान पाएंगे. उन्होंने कहा कि राष्ट्रगीत वंदे मातरम के प्रत्येक शब्द विभिन्न संस्कृति विरासत और धार्मिक एकता का प्रतीक है. ऐसे में जब सुबह-सुबह राष्ट्रगान के साथ राष्ट्रगीत का भी गायन होगा, तो नई ऊर्जा का संचार होगा. इसी तरह से सौरभ ने भी कहा कि सरकार की काफी अच्छा प्रयास है, इसे जल्द लागू करना चाहिए.

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