मेरठ में वायु प्रदूषण बढ़ता जा रहा है, लेकिन योग की मदद से बिना दवाइयों के भी आप स्वस्थ रह सकते हैं। डीप ब्रीदिंग, प्राणायाम और अन्य योगिक क्रियाओं से शरीर से हानिकारक तत्व बाहर निकलते हैं और इम्यूनिटी बढ़ती है। सत्यम सिंह के अनुसार प्रतिदिन योग अपनाकर आप प्रदूषण के बीच भी फिट और सक्रिय रह सकते हैं।
मेरठ में वायु प्रदूषण की स्थिति दिन-ब-दिन गंभीर होती जा रही है। इसके कारण शहरवासियों को खांसी, जुकाम, बुखार और अन्य बीमारियों का सामना करना पड़ रहा है। ऐसे में लोग अस्पतालों की ओर रुख कर रहे हैं। लेकिन भारतीय योग पद्धति के अनुसार, इस मौसम में दवाइयों के बिना भी स्वस्थ रहना संभव है। योग की कुछ विशेष क्रियाएं हैं जो वायु प्रदूषण के बीच भी शरीर और मन को स्वस्थ रख सकती हैं।
लोकल 18 की टीम ने चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय परिसर में संचालित योग विज्ञान विभाग के सहायक आचार्य सत्यम सिंह से इस विषय पर खास बातचीत की। उन्होंने बताया कि प्रतिदिन अपनाएं यह योग विधियों को जो वायु प्रदूषण के बीच भी आपको स्वस्थ रख सकती हैं।
डीप ब्रीदिंग, नाड़ी शोधन प्राणायाम, कपालभाति प्राणायाम, सूर्यभेदी प्राणायाम जैसी योगिक क्रियाएं वायु प्रदूषण के बीच भी आपको स्वस्थ रख सकती हैं। इन योग क्रियाओं को करने से शरीर में समाहित हानिकारक बैक्टीरिया बाहर निकल जाते हैं और शरीर प्राकृतिक रूप से स्वस्थ हो जाता है। भारतीय परंपरा में ऋषि-मुनियों ने भी इसी तरह योग अपनाकर लंबी उम्र प्राप्त की।
योग को अपनाना क्यों है जरूरी?
सहायक आचार्य सत्यम सिंह के अनुसार, जब हम प्रतिदिन योग करते हैं और श्वास को नियंत्रित रूप से अंदर-बाहर लेते हैं, तो शरीर से हानिकारक तत्व बाहर निकल जाते हैं। उन्होंने बताया कि योग को शांति और धैर्य के साथ करना चाहिए, क्योंकि जल्दबाजी में लाभ नहीं मिलता। मेरठ में हाल ही में वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 250 से 500 तक पहुंच गया था, जो खतरनाक स्थिति थी। अब AQI 200 से नीचे आ गया है, लेकिन स्वस्थ रहने के लिए योग को जरूर अपनाना चाहिए।
इस तरह, आप भी वायु प्रदूषण के बीच भी स्वस्थ और सक्रिय रह सकते हैं। बस प्रतिदिन योग को अपनाएं और अपने शरीर को स्वस्थ रखें।

