Uttar Pradesh

गेहूं की खेती के लिए आ गई कमाल की तकनीक, किसानों की बदल जाएगी तकदीर! बंपर होगी उपज, बन जाएंगे मालामाल।

गोरखपुर में कृषि विभाग ने सुपर सीडर और हैप्पी सीडर मशीनों से गेहूं की सीधी बुवाई तकनीक शुरू की है. जिससे किसानों को बंपर उपज मिलेगी. वहीं इससे पराली जलाने की जरूरत खत्म होगी और किसानों की लागत व मेहनत घटेगी.

गोरखपुर में कृषि विभाग द्वारा जिले के किसानों के लिए एक क्रांतिकारी पहल शुरू की गई है, जो न केवल किसानों की मेहनत और लागत को कम करेगी, बल्कि पराली जलाने से होने वाले गंभीर प्रदूषण की समस्या से भी निजात दिलाएगी. विभाग इस बार 12 हज़ार हेक्टेयर ज़मीन पर गेहूं की खेती के लिए ‘सीधी बुवाई  (लाइन सोइंग)’ का नया और आसान तरीका सिखा रहा है, जिसके लिए सरकार ‘सुपर सीडर’ और ‘हैप्पी सीडर’ जैसी आधुनिक मशीनों पर भारी सब्सिडी दे रही है. इस नई तकनीक का केंद्र है ‘सुपर सीडर’ मशीन, जिसे ट्रैक्टर से चलाया जाता है. यह मशीन एक ही बार में कई काम करती है, खेत की जुताई, धान के बचे हुए पराली को छोटे टुकड़ों में काटकर मिट्टी में मिलाना और साथ ही गेहूं के बीज की बुआई करना.

किसानों को होंगे ये लाभ

श्रम और समय की बचत होगी. किसानों को बार-बार खेत की जुताई करने की ज़रूरत नहीं पड़ेगी, जिससे उनका कीमती समय और मेहनत बचेगा. कम लागत, पारंपरिक खेती की तुलना में बीज, पानी और खाद का इस्तेमाल कम होगा, जिससे खेती की लागत घटेगी और किसानों की आय बढ़ेगी. मिट्टी की सेहत, धान की पराली मिट्टी में दबकर खाद का काम करेगी, जिससे मिट्टी की नमी बनी रहेगी और उसकी उर्वरता में सुधार होगा. इस पहल का सबसे बड़ा और महत्वपूर्ण लाभ पर्यावरण के लिए है. धान कटने के बाद किसान अगली फसल के लिए जल्दी खेत तैयार करने के लिए पराली जलाते हैं, जो दिल्ली-NCR समेत पूरे उत्तर भारत में गंभीर वायु प्रदूषण का कारण बनता है.

बंपर उपज का दावा

विशेषज्ञों के अनुसार, सीधी बुआई से फसल उत्पादन में 5% तक की बढ़ोतरी हो सकती है, जबकि बुवाई की लागत में लगभग 50% तक की कमी का दावा किया जाता है.

पराली जलाने की नहीं होगी जरूरत

‘सुपर सीडर’ तकनीक किसानों को पराली जलाने की ज़रूरत को खत्म कर देती है, क्योंकि यह पराली को मिट्टी में ही मिला देती है. इस तरह, कृषि विभाग की यह पहल किसानों को लाभ पहुँचाने के साथ-साथ प्रदूषण नियंत्रण की दिशा में एक बड़ा कदम है. विभाग ने फिलहाल 800 हेक्टेयर में इस तकनीक का प्रदर्शन शुरू किया है और कुल 11 हज़ार हेक्टेयर से अधिक ज़मीन पर सीधी बुवाई कराने का लक्ष्य रखा है, जो आने वाले समय में जिले की कृषि और पर्यावरण के लिए एक सकारात्मक बदलाव लाएगी.

You Missed

आगरा में है हिजड़ों की मस्जिद, बादशाह अकबर ने करवाया था निर्माण, रोचक है कहानी
Uttar PradeshNov 9, 2025

लखनऊ जेल में बंद ठग अनुभव मित्तल ने HC के जज को धमकी भरा ईमेल भेजा, पढ़ें अहम खबरें

मुरादाबाद: चलती कार में लगी भीषण आग, सवारों ने कूदकर बचाई जानमुरादाबाद में मझौला थाना क्षेत्र के मुरादाबाद-दिल्ली…

Housing ministry unveils national programme to remediate dumpsites by Sep 2026
Top StoriesNov 9, 2025

वास्तु मंत्रालय ने सितंबर 2026 तक कूड़ेदानों को दुरुस्त करने के लिए राष्ट्रीय कार्यक्रम का अनावरण किया है।

लक्ष्य शून्य डंपसाइट्स के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए, केंद्र सरकार शहरों को विरासत के कूड़े की…

Scroll to Top