ताजमहल में अघोरी साध्वी के साथ हुआ विवाद, CISF ने डमरू को ले जाने से किया इनकार
ताजमहल के मुख्य द्वार पर मंगलवार को एक अनोखा मामला देखने को मिला, जब अघोरी साध्वी चंचल नाथ को CISF जवानों ने प्रवेश पर रोक दिया. जानकारी के अनुसार, साध्वी चंचल नाथ ताजमहल के अंदर अपने धार्मिक डमरू के साथ प्रवेश करना चाहती थीं, लेकिन सुरक्षा नियमों का हवाला देते हुए CISF ने उन्हें ऐसा करने से रोका. इसके बाद दोनों पक्षों के बीच ताजमहल गेट पर कुछ देर बहस भी हुई.
मौके पर मौजूद लोगों ने बताया कि अघोरी साध्वी पूजा सामग्री के साथ ताजमहल देखने पहुंची थीं. साध्वी के हाथ में एक बड़ा डमरू भी था, जिसे CISF कर्मियों ने प्रतिबंधित वस्तु बताते हुए भीतर ले जाने की अनुमति नहीं दी. CISF का कहना था कि किसी भी प्रकार के धार्मिक वाद्ययंत्र या पूजा-सामग्री को सुरक्षा कारणों से ताजमहल परिसर में ले जाना नियमों के विरुद्ध है. इसी के चलते डमरू को प्रवेश द्वार पर बने लॉकर में रखने की सलाह दी गई.
हालांकि साध्वी चंचल नाथ ने इस नियम का पालन करने से इनकार कर दिया. उनका कहना था कि डमरू उनके लिए मात्र एक वाद्ययंत्र नहीं, बल्कि साधना का महत्वपूर्ण हिस्सा है, जिसे वे कभी अपने से अलग नहीं करतीं. साध्वी ने कहा कि वह बिना डमरू के ताजमहल परिसर में प्रवेश नहीं करेंगी. CISF कर्मियों ने कई बार समझाने की कोशिश की, लेकिन साध्वी अपने निर्णय पर अडिग रहीं.
करीब दस मिनट तक चले इस विवाद के बाद अंततः साध्वी चंचल नाथ ने ताजमहल में प्रवेश ना करने का निर्णय लिया और वापस लौट गईं. घटना के दौरान प्रवेश द्वार पर भीड़ भी जुट गई, लेकिन CISF के नियंत्रण में स्थिति शांत रही. CISF अधिकारियों ने स्पष्ट किया कि ताजमहल देश की महत्वपूर्ण धरोहरों में से एक है और यहां सुरक्षा नियम बेहद कड़े हैं. धार्मिक वस्तुओं पर प्रतिबंध किसी समुदाय विशेष के लिए नहीं, बल्कि सार्वभौमिक रूप से लागू नियम हैं. सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए इन नियमों का पालन कराना आवश्यक है.

