Uttar Pradesh

चित्रकूट न्यूज़ : साहब हम जिंदा हैं…चित्रकूट में करोड़ों का कोषागार घोटाला, जिंदा होने का सुबूत देने पहुंच रहे पेंशनर

चित्रकूट कोषागार घोटाला: पुलिस ने 32 लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेजा, 43 करोड़ से अधिक की रिकवरी

चित्रकूट. उत्तर प्रदेश के चित्रकूट जिले में एक बड़ा कोषागार घोटाला सामने आया है, जिसमें 2018 से 2025 के बीच मृतक पेंशनरों को जीवित दिखाकर करोड़ों रुपये निकाले गए हैं। पुलिस ने इस घोटाले में शामिल 32 लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है, जिनमें दो कोषागार कर्मचारी और छह मृत पेंशनरों के परिजन शामिल हैं।

जांच में यह भी सामने आया है कि सरकारी कर्मचारियों, कोषागार अधिकारियों और पेंशनरों के परिजनों की मिलीभगत से यह घोटाला किया गया है। जांच के अनुसार, चित्रकूट कोषागार में मृत पेंशनरों की फाइलों में हेराफेरी करके उन्हें जीवित दिखाया गया और उनके खातों में नियमित भुगतान भेजकर धन को निकाला गया है। इसमें अधिकतर रिटायर्ड अध्यापकों के खातों में गलत तरीके से रकम ट्रांसफर की गई है।

बताया जा रहा है कि कुछ मामलों में पेंशनर्स के रिश्तेदारों और दलालों ने मिलकर सरकारी सिस्टम का दुरुपयोग किया है। हालांकि कोषागार अधिकारी की शिकायत पर पुलिस ने 97 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था, जिनमें 93 पेंशनर शामिल हैं।

अब तक 32 आरोपी जेल में

पुलिस ने इस घोटाले में शामिल कोषागार के विकास सिंह सचान और सहायक लेखाकार अशोक कुमार सहित 32 लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। इन आरोपियों में दो कोषागार कर्मचारी और छह ऐसे लोग शामिल हैं जो मृत पेंशनरों के परिजन थे। बाकी की पहचान की जा रही है, जांच एजेंसियां अब रकम के प्रवाह और बैंकों की भूमिका की भी गहराई से जांच कर रही हैं।

कोषागार रिकॉर्ड में कई ऐसे नाम सामने आए हैं जिनका कोई अस्तित्व ही नहीं है। इसमें राजेंद्र कुमार और गिरगेश कुमारी नामक पेंशनर फाइल में दर्ज थे, लेकिन वास्तविकता में ऐसे व्यक्ति मौजूद ही नहीं पाए गए थे। मऊ खंडेहा की कमला देवी के खाते का संचालन उनका भाई ओमप्रकाश करता था। जबकि एक दीपक पांडे ने अपनी मां लक्ष्मी देवी सहित कई पेंशनरों के खातों से भुगतान निकालकर कोषागार कर्मियों के साथ मिलकर पैसों को हेरा फेरी की है।

अब तक कितनी रिकवरी

चित्रकूट का यह घोटाला घोटाला न केवल सरकारी तंत्र की कमजोरियों को उजागर करता है, बल्कि भरोसे और रिश्तों पर भी गहरा असर डाला है। जहां बुजुर्ग पेंशनर जो अपने जीवनभर की सेवा के बाद सुरक्षा की उम्मीद रखते थे, उन्हें उनके ही नाम पर ठगा गया है। कई वृद्ध अब स्वयं अपने जीवित होने का प्रमाण पत्र लेकर कोषागार कार्यालय पहुंच रहे हैं ताकि उनकी पेंशन बंद न हो पाए।

कोषागार अधिकारी के अनुसार, अब तक 43 करोड़ 3 लाख में से करीब 3 करोड़ 55 लाख 65 हजार 16 रुपये की रिकवरी की जा चुकी है। बाकी राशि की वसूली के लिए नोटिस जारी किए गए हैं। जिन खातों में गलत तरीके से पैसा ट्रांसफर हुआ है, उन सभी से रकम लौटाने के निर्देश दिए गए हैं।

चित्रकूट एसपी अरुण कुमार सिंह ने बताया कि कोषागार अधिकारी की तहरीर पर 97 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी। अब तक 32 लोगों को जेल भेजा गया है, जांच जारी है, और जो भी नए नाम सामने आएंगे, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

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